Patna News : छठी मइया के गीतों के बीच शारदा सिन्हा का हुआ अंतिम संस्कार
लोकगायिका शारदा सिन्हा गुरुवार को पंचतत्व में विलीन हो गयीं. गुलबी घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. बेटे अंशुमान ने सुबह 10:30 बजे मुखाग्नि दी.
संवाददाता, पटना : लोकगायिका शारदा सिन्हा गुरुवार को पंचतत्व में विलीन हो गयीं. गुलबी घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. बेटे अंशुमान ने सुबह 10:30 बजे मुखाग्नि दी. इस दौरान शारदा सिन्हा अमर रहे के बीच छठी मइया के गीत भी गूंजते रहे. इसके लिए लाउडस्पीकर लगाया गया था. इस दौरान सभी की आंखें नम थीं. उनकी बेटी वंदना और दामाद संजू कुमार और उनके परिजन मौजूद रहे. पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी मौजूद रहे. मुखाग्नि के पहले स्व शारदा सिन्हा को बिहार पुलिस की महिला बटालियन की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. उनके सम्मान में राइफल को उलटा झुका कर सलामी दी गयी. गार्ड ऑफ ऑनर एसआइटी के उदय कुमार तिवारी की टीम ने दी. हालांकि मौके पर जिले का कोई भी वरीय अधिकारी नहीं था. इसके पूर्व सुबह नौ बजे राजेंद्र नगर स्थित उनके आवास नारायणी से अंतिम यात्रा निकाली गयी, जो 9:45 बजे पर गुलबी घाट पहुंची. अंतिम यात्रा प्रेमचंद गोलंबर से सैदपुर, भिखना पहाड़ी होते हुए गुलबी घाट पहुंची. भिखना पहाड़ी चौक पर उनके सम्मान में श्री श्री छठ पूजा समिति, नवयुवक क्लब भिखना पहाड़ी की ओर से बड़े-बड़े आकार की तस्वीर के आगे दीये जला कर श्रद्धांजलि दी गयी.
आखिरी छठ गीत बजाया गया
अंतिम यात्रा में शारदा सिन्हा के परिजन और बड़ी संख्या प्रशंसक भी शामिल हुए. अंतिम यात्रा के दौरान बिहार कोकिला का गाया आखिरी छठ गीत बजाया गया. शारदा सिन्हा को कलाप्रेमियों और उनके चाहने वालों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. मौके पर निर्माता और निर्देशक दीप श्रेष्ठ, अभिनेता मिथिलेश कुमार, वरिष्ठ कलाकार आर नरेंद्र, वरिष्ठ कलाकार सुरेश कुमार हुज्जू, निर्माता और निर्देशक रंजय बावला आदि मौजूद रहे. पूर्व सांसद राम कृपाल यादव ने कहा कि शारदा सिन्हा बिहार ही नहीं, देश की गौरव थीं. आज उनके न रहने से संगीत जगत में खालीपन हो गया है. शारदा सिन्हा ने लोक संगीत के माध्यम से छठ गीत को विश्व स्तर पर पहचान बनायी.
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