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Sharda Sinha: शिक्षक ने बचपन में पहचाना था शारदा सिन्हा का हुनर, स्कूल में ही रिकार्ड किया था पहला गीत

Sharda Sinha: बीते कुछ दिनों से दिल्ली एम्स में भर्ती शारदा सिन्हा का मंगलवार को निधन हो गया. वो बचपन से बहुत अच्छी गायिका थी. स्कूल में उनके शिक्षक ने पहली बार टेप रिकार्डर में उनका गीत रिकार्ड किया था.

Sharda Sinha: दिल्ली एम्स में भर्ती प्रसिद्ध लोक गायिका पद्मश्री शारदा सिन्हा का मंगलवार शाम निधन हो गया. रात करीब 10 बजे वह जिंदगी की जंग हार गईं, जब हर तरफ उनके गाए छठ गीत बज रहे थे. शारदा सिन्हा को बचपन से ही नृत्य और गायन से काफी लगाव था. शारदा के संगीत के इस हुनर को बचपन में ही उनके स्कूल के एक शिक्षक ने पहचान लिया था.

प्रधानाचार्य कार्यालय में टेप रिकार्डर में रिकार्ड हुआ था पहला गीत

स्कूल के दिनों में जब शारदा सिन्हा एक दिन अपनी सहेलियों के साथ गीत गा रही थीं, वहीं चुपके से हरि उप्पल (शारदा के शिक्षक) उनका गीत सुन रहे थे. जिसके बाद उन्होंने सभी से पूछा कि यह रेडियो कौन बजा रहा है तभी सभी ने जवाब दिया कि शारदा गीत गा रही हैं. तभी उन्होंने शारदा को प्रधानाचार्य कार्यालय में बुलाकर उस गीत को टेप रिकॉर्डर में रिकॉर्ड किया.

शारदा सिन्हा को करियर में मिला परिवार का पूरा सहयोग

शारदा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव के एक समृद्ध परिवार में हुआ. उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में कार्यरत थे. शारदा के गायन करियर को सक्रिय बनाने में उनके परिवार का भरपूर सहयोग रहा. संगीत के प्रति उनकी लगन देखकर पिता ने भारतीय नृत्य कला केंद्र में प्रवेश दिला दिया था.

संगीत की उच्च शिक्षा प्रतिष्ठित गुरुओं से ली थी

शारदा सिन्हा ने शास्त्रीय संगीत की उच्च शिक्षा प्रतिष्ठित गुरुओं से ली है. जिसके चलते वह मणिपुरी नृत्य में पारंगत हैं. संगीत सीखने के साथ उन्होंने स्नातक भी कर ली. इसके बाद राजनीतिशास्त्र के प्राध्यापक डॉ बृजकिशोर सिन्हा के साथ उनकी शादी हो गयी.

बांकीपुर हाइ स्कूल में हुई पढ़ाई

पटना में रही, पहले क्लास छः में वनस्थली में दाखिला लिया पर वहां रह नहीं पायी. फिर पटना में बांकीपुर हाइ स्कूल में पढ़ी, जो सरकारी स्कूल था. उन्होंने कहा था कि इस स्कूल में सबसे खास बात कि वहां म्यूज़िक था. और इसी कारण कॉनवेंट या और किसी अंग्रेजी स्कूल कॉलेज मैंने नहीं चुना.

शारदा के चाहने वालों ने उनका नाम बिहार कोकिला रखा

शारदा सिन्हा ने अपने जीवन में सुगम संगीत की हर विधा में गायन किया. जिसमें गीत, भजन, गजल, इत्यादि शामिल हैं. शारदा के चाहने वालों ने उनका नाम बिहार कोकिला रखा. उन्होंने मैथिली, भोजपुरी, हिंदी, इत्यादि भाषाओं में गायन किया है. यही नहीं, बॉलीवुड की कई चर्चित फिल्मों में भी उन्होंने गाने गाये. बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में उन्होंने सब से पहला गाना “मैंने प्यार किया” (1989) में गाया था. इस फिल्म में गीत गाने के लिए उन्हें उस वक्त 76 रुपये मिले थे. उन्होंने ‘हम आपके हैं कौन’ और अनुराग कश्यप की फिल्म “गैंग्स ऑफ वासेपुर” में ”तार बिजली से पतले हमारे पिया, ओ री सासु बता तूने ये क्या किया” जैसे लोकप्रिय गीत गाये.

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