पटना. छठे चरण के प्रारंभिक शिक्षक नियोजन की अधूरी प्रक्रिया अब पंचायत चुनाव के बाद ही पूरी हो सकेगी. बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. आयोग ने साफ कर दिया है कि नियोजन प्रक्रिया में शामिल परामर्शी समिति के पदाधिकारी पंचायत चुनाव की प्रक्रिया में शामिल हैं, इसलिए आदर्श आचार संहिता के मद्देनजर नियोजन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ायी जा सकती है.
आयोग का यह आधिकारिक पत्र शुक्रवार को मिला. जानकारी के मुताबिक, शिक्षा विभाग ने 1200 नियोजन इकाइयों में 11 हजार से अधिक पदों पर काउंसेलिंग कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग से मार्गदर्शन अथवा अनुमति मांगी थी.
वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि जहां पंचायत चुनाव नहीं हो रहे हैं, वहां नियोजन की प्रक्रिया पूरी करायी जा सकती है. इस तरह नगर निकायों में नियोजन की प्रक्रिया आगे बढ़ायी जा सकती है. उसने नगर निकायों में नियोजन प्रक्रिया के लिए प्रस्ताव भेजने को कहा है.
इस मामले में विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि आयोग ने नियोजन पर रोक लगा दी है. आयोग के मार्गदर्शन के मुताबिक आगे की कार्यवाही की जायेगी. शिक्षा विभाग ने आयोग के सामने तर्क रखा था कि चूंकि नियोजन प्रक्रिया पहले से चल रही है, इसलिए चुनाव के दौरान नियोजन कराया जा सकता है.
इससे पहले पंचायत विभाग ने इस संबंध में नियोजन प्रक्रिया चालू रखने पर सहमति देते हुए राज्य निर्वाचन आयोग से सहमति लेने के लिए परामर्श दिया था. इस परामर्श के बाद ही शिक्षा विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग से प्रक्रिया को पूरा कराने के लिए मार्गदर्शन मांगा था. फिलहाल अायोग के इस मार्गदर्शन के बाद अगले करीब दो माह के लिए नियोजन प्रक्रिया ठप हो जायेगी.
-
-जुलाई, 2019 से चल रही छठे चरण की शिक्षक नियोजन प्रक्रिया
-
-90,768 पदों पर होना है नियोजन
-
– अब तक 38,000 पदों पर हो चुका है नियोजन
-
– 11,000 पदों पर अतिरिक्त काउंसेलिंग करायी जानी है
Posted by Ashish Jha