पटना सिटी के गुलजारबाग स्टेशन के पास स्थित मेहंदीगंज रेलवे गुमटी के पास अतिक्रमण हटाने के दौरान रेलवे पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प के साथ-साथ अगलगी भी हुई. इस घटना से चारों तरफ अफरातफरी का माहौल बन गया. दुकानदार के जलते ही चीख-पुकार की स्थिति बन गयी थी. दुकानदार अनिल कुमार को जलता देख जेसीबी के आगे खड़ा हो अभियान चलाने से रोक रहे अजीत कुमार, छोटा भाई आदित्य कुमार उर्फ मुन्ना, चचेरा भाई दीपक और पड़ोसी चाय नाश्ता की दुकान चलाने वाले दुकानदार कन्हैया कुमार दौड़े और आग बुझाने की कोशिश की. अनिल कुमार देखते ही आग का गोला बन गए थे. इसी बीच में एक सिपाही भी दौड़ते हुए आया और आग बुझाने में जुट गया.
अनिल के शरीर में लगी आग बुझाने के क्रम में दोनों भाई अजीत और आदित्य और पड़ोसी दुकानदार कन्हैया गंभीर तौर पर जख्मी हो गया. जबकि दीपक और अन्य आंशिक तौर पर जख्मी हुए. जख्मी चारों को उपचार के लिए अगमकुआं थाना क्षेत्र में स्थित एक निजी नर्सिग होम में भर्ती कराया गया. परिजनों का कहना है कि अनिल की स्थिति गंभीर बनी हुई है. जख्मी अनिल को चिकित्सकों ने दिल्ली रेफर करने की बात कही है.
दुकानदार को आत्महत्या करता देख स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. आक्रोशित लोगों का गुस्सा इस कदर भड़क गया कि टीम पर पथराव करने लगे. स्थिति बिगड़ते देख टीम भी वहां से भागने लगी. सड़क पर अफरा-तफरी की स्थिति मच गयी. दरअसल हंगामा के बीच यह बात तेजी से फैली की दुकान में आयी टीम ने आग लगा दिया है. इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया था. हंगामा के बीच ही टीम वहां से बिना अभियान चलाये ही वापस लौट गयी.
आग से झुलसे चारों दुकानदार को शहर के अपोलो बर्न हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. घटना के बाद कुल चार मरीजों को स्थानीय लोग व पुलिस प्रशासन की मदद से अस्पताल लगाया गया. इनमें 45 वर्षीय दुकानदार अनिल कुमार की हालत गंभीर बनी हुई है. जिसे हॉस्पिटल के आइसीयू में रखा गया है. अनिल के बारे में डॉक्टर भी कुछ कहने से बच रहे हैं. इलाज कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक अनिल लगभग 100 प्रतिशत जल गया है. वहीं दूसरी ओर कृष्ण कुमार को भी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है. कृष्ण 40 प्रतिशत तक जला है. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि बेहतर इलाज के बाद वह ठीक हो जायेगा. वहीं बाकी दो मरीज मामूली रूप से जले हैं. जिनको इलाज के बाद घर भेज दिया गया. ये दोनों मरीज रोजाना ओपीडी में आयेंगे और उनका इलाज चलेगा. दूसरी ओर अनिल की हालत गंभीर होते देख परिजन उसे दिल्ली ले जाने की तैयारी कर रहे हैं. परिजनों का कहना है कि डॉक्टर से जवाब लेने के बाद वह किसी भी समय अपने मरीज को दिल्ली ले जा सकते हैं.
पूमरे के सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि जहां पर अतिक्रमण किया गया है वह जमीन रेलवे की है. वर्तमान में रेलवे लाइन में अतिक्रमण था, जिसको देखते हुए रेल प्रशासन ने भी संबंधित लोगों को नोटिस दे दिया था. अगर वहां से अतिक्रमण हटता है तो रेल अपना विस्तार करेगा, जिससे यात्री सुविधा और बढ़ायी जा सके.
दुकानदार की ओर से आत्मदाह के प्रयास के बाद वहां भगदड़ की स्थिति मच गयी. आसपास के खुले दुकानों के शटर गिर गये. स्थिति यह है कि एक दर्जन से अधिक दुकानों में चाय नाश्ता, मिठाई, हार्डवेयर और जूता चप्पल समेत अन्य सामग्री की दुकानें है. दुकानदारों का कहना है कि वर्षो से जीवन यापन दुकान के सहारे करते थे. लेकिन रेलवे की ओर से जिस तरह की रवैया भूखंड का खाली कराने के लिए अपनाया गया है. वो उचित नहीं है. स्थिति घटना के दौरान सुदर्शन पथ पर अगमकुआं से चौक के बीच चलने वाले ऑटो और अन्य वाहनों का परिचालन भी कुछ देर के लिए प्रभावित हो गया था.
जख्मी अनिल के भाई अजीत का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के लिए जब टीम वहां पहुंची, तब जीआरपी के लोग शामिल थे. टीम में शामिल लोग दुकान में आ कर सामानों को फेंकना शुरु कर दिया, जबकि हम लोग दुकान खाली करने के लिए दो घंटे की मोहलत मांग रहे थे. लेकिन टीम में शामिल अधिकारी ने मोहलत नहीं दी और दुकान में रखे सामानों को फेंकना शुरु कर दिया. जिसमें दुकान में रहे थिंनर बोतल का पैकेट फट कर बहने लगा. भाई का आरोप है कि दुकान में मौजूद दो लोगों ने माचिस जला दिया. जिससे दुकान में आग फैल गयी. दुकान में फैले आग को बुझाने में भाई अनिल जख्मी हो गया है. जिसे बचाने में परिवार के अन्य लोग जख्मी हुए है. अनुमंडल प्रशासन यह कह रही है कि मामले में जांच से स्पष्ट हो पायेगा.
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वार्ड संख्या 57 में दुकान के सामने ही गली नीम की भट्ठी मुहल्ला में स्थित घर पर जब अनिल के आत्मदाह करने और अजीत आदित्य और दीपक के जख्मी होने की बात पहुंची, तब घर में मातम फैल गया. जख्मी अनिल की पत्नी सोनी कुमारी का रो रो कर हाल बेहाल था. परिजनों और पड़ोसियों ने बताया कि अनिल के सिर से मां का साया पहले ही उठ चुका था. एक वर्ष का बेटा लल्ला है. मुहल्ला में घटना को लेकर गमजदा है. पति की हालत से बेहाल पत्नी का कहना है कि रोजी रोटी छीन रही प्रशासन की वजह से पति की स्थिति गंभीर बनी है. अभी तक प्रशासन के स्तर पर कोई भी अधिकारी बयान अंकित करने और हालचाल पूछने नहीं आया है. वार्ड की पार्षद गायत्री गुप्ता और प्रतिनिधि राजू गुप्ता का कहना है कि अनिल और उसके परिवार के साथ जो हादसा हुआ है. उसकी उच्चस्तरीय जांच करायी जाये और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाये.