22 जुलाई से शुरू हो रहा है पवित्र श्रावण मास, कांवड़, कपड़े, मूर्तियों से लेकर शृंगार सामग्रियों तक की खरीदारी शुरू
देवाधिदेव महादेव के प्रिय सावन मास का आगाज 22 जुलाई दिन सोमवार से हो रहा है. मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इस माह को विशेष माना जाता है, इसलिए इस दौरान भोलेनाथ शिव शंकर की आराधना का विशेष महत्व होता है. सावन को लेकर शिव भक्तों में इस बार खासा उत्साह देखा जा रहा है. बाजार त्रिशूल, झोला, साफी, कांवड़, मूर्तियों, टी-शर्ट, साड़ी व अन्य गेरुआ वस्त्रों से सज गया है, हालांकि बाजार में महंगाई का असर साफ दिख रहा है. आलम यह है कि शिव भक्तों की संख्या अभी कम दिख रही है. फिर भी कारोबारियों को इस वर्ष अच्छे कारोबार की उम्मीद है. उनका कहना है कि शिव की कृपा पर ही हमारा कारोबार टिका है.
Sawan 2024: अगले हफ्ते से सावन मास की शुरुआत हो जायेगी. ऐसे में पटना के बाजारों में अभी से ही भीड़ दिखने लगी है. खासतौर पर महिलाओं ने सावन के लिए स्पेशल कपड़े और चूड़ियां खरीदना शुरू कर दिया है. सावन के लिए शॉपिंग करनी है, तो आप राजधानी के न्यू मार्केट, कदम कुआं, खेतान मार्केट, राजा बाजार, कंकड़बाग, ठाकुरबाड़ी रोड जा सकते हैं. यह बाजार स्टाइलिश और ट्रेंडी कपड़ों से सजकर तैयार हो गया है.
यहां सावन को लेकर गेरुआ वस्त्रों व कांवड़ सहित पूजन सामग्री की दुकानें सजने लगी हैं. इसके साथ ही महिलाओं के लिए हरी चूड़ी व साड़ियां भी बाजार में पहुंच गयी है. दुकानदारों ने इसे डिस्प्ले करना भी शुरू कर दिया है. थोक मंडी में भी कांवड़, पूजन सामग्री, वस्त्र, झोला आदि की दुकानों पर खुदरा दुकानदारों की भीड़ खरीदारी को लेकर दिन भर देखी जा रही है.
मुरादाबाद से गंगाजली व दिल्ली से पहुंचा सजावटी सामान
सावन माह के मौके पर कांवड़ और उसे सजाने का सामान, कपड़े, बेंत, घुंघरू, घंटी, गंगाजली आदि सामान की बिक्री होती है. कदमकुआं स्थित श्री पूजा भंडार के सतीश कुमार ने बताया कि यहां मुरादाबाद से गंगाजली, दिल्ली से सजावटी सामान, पुरदिल नगर से मोती की मालाएं, कोलकाता से बेंत, जलेसर से घुंघरू घंटी, बनारस, दिल्ली, मथुरा आदि स्थानों से आता है.
न्यू मार्केट के निर्मल गुप्ता ने बताया कि कांवर में जल उठाने वालों में 70 फीसदी लोग मध्यम वर्ग के होते है. बाजार में इस वक्त रेडीमेड कांवर की कीमत 900- 1200 रुपये में उपलब्ध है. जबकि पीतल वाले कांवर की शुरुआती कीमत ही 3000 रुपये से शुरू होता है. वैसे मांग के अनुसार भी कांवड़ बनाये जाते हैं.
गेरुआ वस्त्रों की हो रही खरीदारी
बाबा धाम गेरुआ वस्त्र पहन कर ही जाया जाता है. गेरुआ वस्त्र का अपना महत्व होता है, लिहाजा गेरुआ वस्त्रों की भी खरीदारी शुरू हो चुकी है. दुकानदारों का कहना है कि हालांकि इस बार महंगाई बढ़ने के कारण कपड़ों की कीमत में इजाफा हुआ है. बाजार में कांवरियों के लिए शिव और त्रिशूल बने टी शर्ट और सिर पर बांधने के लिए भगवान शंकर की छपी फोटो वाला पटना बाजार में पहुंच गया. इसे युवा शिव भक्त काफी पसंद कर रहे हैं.
महिलाओं के लिए कॉटन और सिंथेटिक साड़ी, स्ट्रेट पैंट, पटियाला, कुर्ती और लगीज केसरिया और हरे रंगों में उपलब्ध है. वहीं दूसरी ओर बाजार में महिलाओं के लिए हरे रंग की साड़ियां, चूड़ियां, श्रृंगार के सामान बिकने रहे हैं. प्रकृति की विभिन्न रूपों में पूजा की जाती है और खास पौधों, जैसे- पीपल, तुलसी और केले के पेड़ को पवित्र माना जाता है. इस प्रकार, हरा पहनना श्रद्धा के कार्य के रूप में देखा जाता है और माना जाता है कि इससे प्रकृति का आशीर्वाद मिलता है.
सावन में बढ़ी हरे रंग की साड़ियों की मांग
महिलाओं के लिए ग्रीन थीम पर साड़ी, चुनरी, चूड़ी, कंगन, के साथ अन्य सौंदर्य समानों का सेट दुकानदारों ने सेट किए है. कपड़ा दुकान संचालक राजेश अग्रवाल ने बताया कि सावन का महीना शुरू होते ही सावन उत्सव शुरू हो गये है. ऐसे में सबसे ज्यादा हरे रंग की सौंदर्य प्रसाधनों की मांग रहती है. ग्रीन थीम के अनुसार डिजाइनर और अलग-अलग दुकानदारों ने बताया कि सावन में लहरिया साड़ी की डिमांड में है. मौसम में अनुसार महिलाएं हरा रंग की साड़ी ज्यादा ले रही है. एक हजार से तीस हजार रुपये तक की लहरिया साड़ी जयपुर से बाजार में पहुंच रही है. सिफोन साड़ी में गोटा पत्ती का वर्क होता है.
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श्रावण माह में इस बार कुल 5 सोमवार पड़ेंगे
- पहला सोमवार 22 जुलाई
- दूसरा सोमवार 29 जुलाई
- तीसरा सोमवार 5 अगस्त
- चौथा सोमवार 12 अगस्त
- पांचवा सोमवार 19 अगस्त (रक्षा बंधन)
कीमत एक नजर में
- टी शर्ट – 150- 250
- पैंट – 200- 300
- कुर्ती – 400- 500
- कॉटन साड़ी -500- 700
- सिंथेटिक साड़ी – 600- 800
- थैला- 100- 150
- हाफ पैंट -200- 300
- गंजी- 100- 150
- शिवलिंग पीतल – 200- 600