संवाददाता, पटनाश्रम संसाधन विभाग ने सभी निजी आइटीआइ में कमियों की जांच करने का निर्णय लिया है. साथ ही, शिक्षकों और छात्रों की संख्या का पूरा ब्योरा तलब किया गया है, ताकि छात्रों और शिक्षकों के प्रतिदिन की उपस्थिति का पूरा रिकार्ड देखा जा सकें. इसके लिए विभाग के अधिकारियों जल्द ही राज्य में 12 सौ से अधिक निजी आइटीआइ की जांच करेंगे. जांच के विभाग के स्तर पर नयी टीम का गठन किया गया है. जांच में मानक पर खरा नहीं उतरने वाले आइटीआइ की मान्यता समाप्त करने की अनुशंसा केंद्र से की जायेगी.
आइटीआइ संचालकों को देना होगा पूरा ब्योरा :
विभाग ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि निरीक्षण से पहले संचालकों से पूरी जानकारी मांग लें, ताकि उनके ही दिये अंडरटेकिंग को आधार बनाकर आइटीआइ की जांच की जा सकें. वहीं, शिक्षक, छात्र और सुविधाओं का ब्योरा अलग-अलग फार्मेंट में बनाकर देंगे.आइटीआइ का पता तक गलत देने की शिकायत:
विभाग के मुताबिक कुछेक आइटीआइ संचालकों ने संस्थान खोलने का पता कुछ और दिया है और आइटीआइ कहीं और खोल रखा है. इसलिए उनसे नाम-पता तक का ब्योरा मांगा गया है. कुछ आइटीआइ ने पर्याप्त जमीन भी नहीं ले रखा है.इसलिए संचालकों को यह बताना है कि उन्होंने कितनी जमीन पर आइटीआइ बनाए रखा है. इसके लिए उन्हें खाता, मौजा, खसरा व प्लॉट की भी जानकारी देनी होगी. आइटीआइ के प्राचार्य सहित कितने कर्मी हैं, कौन-कौन ट्रेड की पढ़ाई हो रही है और उससे संबंधित उपकरण हैं या नहीं, यह भी जानकारी संचालकों को देनी होगी.बुनियादी सुविधाओं के बगैर चल रहे आइटीआइ:
श्रम विभाग के निर्देश पर भी सैकड़ों निजी आइटीआइ हैं जहां बुनियादी सुविधाएं नहीं है. अधिकारियों के मुताबिक पटना में कई सेंटर में सुविधाएं नहीं है, जिन्हें बार-बार सुविधाएं बढ़ाने के लिए निर्देश दिया जाता है. पटना, गया, छपरा, वैशाली, औरंगाबाद, भोजपुर, बक्सर, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बांका, दरभगा, गया, समस्तीपुर, मधुबनी सहित अन्य जिलों में ऐसे कई आइटीआइ है, जहां सुविधाएं नहीं है. शिक्षक नहीं है , लेकिन नामांकन के नाम पर हर छात्र से राशि वसूलते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है