Cm Udyami Yojana: किश्त देने में आनाकानी करने वालों पर सख्ती, 800 लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी

Cm Udyami Yojana: सीएम उद्यम योजना के तहत किस्तों का भुगतान करने में आनाकानी करने वाले 800 लाभार्थियों को विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. ये वे लाभार्थी हैं जो योजना की राशि हड़पने की मंशा रखते थे. विभाग ने अब इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की है.

By Anand Shekhar | September 11, 2024 6:45 AM

राजदेव पांडेय, पटना. Cm Udyami Yojana: हाल के महीनों में सीएम उद्यमी योजना के करीब 800 से 1000 लाभार्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी किये जा रहे हैं. ये वे लाभार्थी हैं, जिन्होंने उद्यम या व्यवसाय स्थापित करने के लिए मिली राशि के बदले किस्त का भुगतान शुरू नहीं किया है. इनमें वे भी हैं, जिन लोगों ने किस्त का सदुपयोग नहीं किया है. यह नोटिस जिला उद्योग महाप्रबंधकों के जरिये दिये जा रहे हैं. जबकि सूत्रों का यह कहना है कि इस योजना में लोन की राशि भुगतान करने में रुचि न दिखाने वालों की संख्या बताये गये आंकड़े से कहीं अधिक है. फिलहाल उद्योग विभाग इस योजना में ”गलत” लोगों की पैसा पचाने की मंशा को सख्ती से रोकना चाहता है.

4000 लाभार्थी नियमित किस्त भर रहे हैं

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सकारात्मक बात यह है कि सीएम उद्यमी योजना में 4000 लाभार्थी नियमित किस्त भर रहे है. दरअसल इस योजना के तीन किस्त मिलने के एक साल बाद किस्तें भरनी होती है. लाभार्थियों को तीन किस्तें औसतन एक साल में मिल जाती हैं. इसके बाद एक साल लाभार्थियों से किस्त इसलिए नहीं ली जाती है, ताकि वह अपने व्यवसाय को गति दे सके. लाभार्थियों को लोन की राशि 5942 रुपये की राशि 84 किस्तों में देनी होती है.

2018 से अब तक 34441 लाभार्थी

इस योजना के तहत 2018 से अभी तक 34441 लोगों को लाभार्थी बनाया गया है. इन लाभार्थियों को 2690 करोड़ की सहायता राशि प्रदान की गयी है. हाल ही विभाग ने ऑन लाइन मोड में भी किस्त भुगतान करने की सुविधा दी है. इस योजना के तहत 10 लाख तक की सहायता दी जाती है. इसमें पांच लाख का अनुदान और पांच लाख का सॉफ्ट होन दिया जाता है.

कई लोगों के लिए मददगार साबित हुई योजना

सीएम उद्यमी योजना खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक विकास में मददगार साबित हुई है. सूत्रों के अनुसार खासतौर पर इस योजना का फायदा उन लोगों ने गंभीरता से उठाया है, जो कोरोना काल में बिहार वापस आये थे. दरअसल इस योजना को उसी दौर से पंख लगे थे.

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वर्ष 2018 से अभी तक सर्वाधिक टॉप फाइव ट्रेड, जिनमें सर्वाधिक लाभार्थी

  • रेडीमेड गारमेंट – 5500 से अधिक
  • आइसक्रीम- 4500
  • आटा सत्तू बेसन – 2200
  • आइटी बिजनेस- 1350
  • मसाला- – 12000

वर्ष 2024-25 में टॉप फाइव ट्रेड

  • रेडीमेड गारमेंट – 1500
  • साइबर कैफे/आइटी बिजनेस- 1100
  • पेपर प्लेट निर्माण- 500
  • आटा-सत्तू आदि- 500
  • होटल / रेस्टारेंट

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