शुभम उज्बेकिस्तान से वोट देने अपने गांव मनेर आया
उज्बेकिस्तान में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्र शुभम कुमार मिश्रा वोट देने अपने गांव मनेर आया है
मनेर. लोकतंत्र में मतदान का महत्व को समझते हुए उज्बेकिस्तान में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्र शुभम कुमार मिश्रा वोट देने अपने गांव मनेर आया है. ‘मतदान का पर्व – देश का गर्व ”” चुनाव आयोग के इस टैग लाइन को सुनाते हुए शुभम ने कहा – देश में मजबूत सरकार की अहमियत क्या होती है, इसे हमने विदेश में रहकर समझा है. पिछले दिनों रूस और यूक्रेन में छिड़े युद्ध के बीच वतन वापसी के लिए भारतीय छात्रों ने तिरंगे के साथ जब सड़कों पर निकले तो उन्हें भारत में मजबूत सरकार के अहमियत का पता चला. भारतीय तिरंगे देखकर दोनों देशों के सैनिकों ने हमलोगों को सुरक्षित आने तो दिया ही, तिरंगे को सैल्यूट करते भी दिखे. मनेर बरैया टोला निवासी राजेश मिश्रा के पुत्र शुभम बताते हैं हम यूक्रेन के खारकीव शहर में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गये थे. वर्ष 2022 में यूक्रेन और रूस में युद्ध शुरू हुआ. यूक्रेन में रह रहे सभी विदेशी छात्र डर के साये में रहने को विवश थे. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस वक्त देश के लोगों को भरोसा दिया कि भारतीय छात्र सुरक्षित हैं और हम उन्हें सकुशल वापस भारत लायेंगे. अप्रैल 2022 के पहले सप्ताह हम सकुशल वतन वापस लौट आये. यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच अधिकांश एमबीबीएस के भारतीय छात्रों ने यूक्रेन से ट्रांसफर लेकर अब उज्बेकिस्तान में पढ़ाई पूरी कर रहे हैं. शुभम कहते हैं मोदी जी ने विदेशों में भी देश का सम्मान बढ़ाया है. मुश्किल घड़ी में उन्होंने जो मदद की है, उस कर्ज को उतारना है. पाटलिपुत्र में एक जून को मतदान है. एक – एक वोट का महत्व है. इसलिए मैंने उज्बेकिस्तान से वोट देने अपने गांव मनेर आया हूं.
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