संवाददाता, पटना राज्यभर के चेकडैम, आहर, पइन और जलाशयों में गाद भर गयी है. इन जलस्रोतों में गाद भर जाने से सिंचाई बाधित हो रही है. कृषि विभाग की रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आये हैं. चौथे कृषि रोडमैप में गाद की समस्या दूर करने के लिए सिल्ट मैनेजमेंट लागू करने का प्रस्ताव दिया गया है. इन चेकडैम, आहर और पइन से गाद की सफाई करायी जायेगी. साथ ही इन जलस्रोतों का जीर्णोद्धार और पुनर्स्थापन कराया जायेगा. इन जलस्रोतों से गाद की सफाई और इनके जीर्णोद्धार से कुल 3.12 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था हो सकेगी. इन जलस्रोतों को सिंचाई योग्य बनाने के लिए सरकार की ओर से कुल 33 अरब 71 करोड़ रुपये खर्च का अनुमानित बजट प्रस्तावित किया गया है. जलस्रोतों को ठीक करने में खर्च होंगे 337100 लाख : आहर, पइन सिंचाई परियोजनाओं के जीर्णोद्धार व पुनर्स्थापन के लिए कुल 3223 योजनाएं बनायी गयी हैं. इन योजनाओं से इन जलस्रोतों को सिंचाई योग्य बनाया जयोगा. इनके दुरुस्त होने से 2.26 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था होगी. इन योजनाओं के निर्माण पर 191100 लाख रुपये खर्च का अनुमान लगाया गया है. वहीं, वीयर व चेकडैम योजनाओं के निर्माण और जीर्णोद्धार के लिए कुल 730 योजनाएं बनायी गयी हैं. इनके निर्माण से कुल .86 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था होगी. इन योजनाओं के निर्माण पर 146000 लाख रुपये खर्च का अनुमान लगाया गया है. इन दोनों योजनाओं पर कुल 337100 लाख रुपये खर्च होंगे.
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