4901 उप नहरों में गाद, खेतों में नहीं पहुंच रहा पानी

बिहार के 30 जिलों में नदियों और नहरों से निकलीं 4901 उप नहर और उप नदियां या तो टूट गयी हैं या इनमें गाद भर गयी है.

By Prabhat Khabar Print | June 30, 2024 1:49 AM

मनोज कुमार, पटना बिहार के 30 जिलों में नदियों और नहरों से निकलीं 4901 उप नहर और उप नदियां या तो टूट गयी हैं या इनमें गाद भर गयी है. इनमें गाद भर जाने और इनके टूटने से खेतों में सिंचाई का पानी नहीं पहुंच रहा है. इन सभी उप नदियों और नहरों में पानी का प्रवाह 20 क्यूसेक से कम है. इनसे खेतों में पानी की आपूर्ति होती है. इसे दुरुस्त करने की कवायद अब शुरू की जा रही है. जहां-तहां टूटीं उप नहरों-नदियों की मरम्मत होगी. इनमें भरी गाद की सफाई होगी. इससे खेतों तक आसानी से पानी पहुंच पायेगा. पानी की बर्बादी भी रुकेगी. मनरेगा से इन कार्यों को पूर्ण किया जायेगा. जल संसाधन विभाग ने इसकी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. सबसे अधिक पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, सीवान और गोपालगंज में इस तरह की उप नहरें और नदियां चिह्नित की गयी हैं. 14 जिलों में एक से 33 उप नहरें होंगी दुरुस्त औरंगाबाद में 28, गया में 21, पटना में 14, नालंदा में 33, नवादा में 8, शेखपुरा में 26 तथा जमुई में 10 उप नहरों की मरम्मत होगी. इसी तरह बांका में 13, भागलपुर में 1, मुंगेर में 4, लखीसराय में 6, बक्सर में 20 भोजपुर में 18 तथा खगड़िया में 9 उप नहरों की मरम्मत या जहां जरूरत होगी गाद की सफाई होगी. 16 जिलों में उप नहरों में सबसे अधिक मशक्कत होगी : जहानाबाद में 141, रोहतास में 58, कैमूर में 62. पश्चिमी चंपारण में 713, पूर्वी चंपारण में 555, मुजफ्फरपुर में 104 तथा वैशाली में 58 उप नहरों की मरम्मत होगी. सुपौल में 330, मधेपुरा में 215, सहरसा में 73, पूर्णिया में 351, अररिया में 260, कटिहार में 206, सीवान में 621, गोपालगंज में 506 और सारण में 437 उप नहरें गाद की सफाई और मरम्मत कार्य के लिए चिह्नित की गयी हैं.

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