Smart Meter: स्मार्ट मीटर में हो रही गड़बड़ी तो यहां करें शिकायत, नहीं पड़ेगी वकील की जरूरत, खुद बहस करने की छूट

Smart meter: बिजली से जुड़ी समस्या है, समाधान नहीं हो रहा, स्थानीय अधिकारी आपकी समस्या नहीं सुन नहीं रहे हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है. आप सीधे उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम (सीजीआरएफ) में आवेदन कर सकते हैं. यहां अपील के लिए न तो वकील की जरूरत पड़ेगी, न फीस लगेगी.

By Abhinandan Pandey | October 10, 2024 11:42 AM

Smart meter: बिजली से जुड़ी समस्या है, समाधान नहीं हो रहा, स्थानीय अधिकारी आपकी समस्या नहीं सुन रहे हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है. आप सीधे उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम (सीजीआरएफ) में आवेदन कर सकते हैं. यहां अपील के लिए न तो वकील की जरूरत पड़ेगी, न फीस लगेगी. आप खुद बहस कर सकते हैं.

नया इंतजाम में अब सीजीआरएफ ऑफिस नहीं, अपने डिविजन के सुविधा केंद्र पर भी आप शिकायती पत्र जमा कर सकते हैं. राज्य के 20 शहरों में उपभोक्ता निवारण फोरम (सीजीआरएफ) गठित है. बता दें कि यहां ऑन लाइन, ऑफ लाइन आवेदन देने की सुविधा उपलब्ध है.

सीजीआरएफ के फैसले से संतुष्ट नहीं है तो क्या करें?

सीजीआरएफ के फैसले से अगर आप संतुष्ट नहीं हैं तो आपको बिजली कंपनी मुख्यालय स्थित ऑम्बड्समैन (विद्युत लोकपाल) के यहां अपील करना होगा. यहां भी कोई फीस और वकील की जरूरत नहीं पड़ेगी. सुनवाई के बाद ऑम्बड्समैन अपना फैसला सुनाएंगे. इस फैसले से भी संतुष्ट नहीं है तो सीधे हाईकोर्ट जा सकते है.

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अधिकारी आदेश का पालन नहीं करते हैं तो क्या करें?

यदि सीजीआरएफ ने आपके पक्ष में फैसला सुनाया है. बिजली कंपनी के अधिकारी उसका अनुपालन नहीं कर रहे हैं तो विद्युत विनियामक आयोग में आप आवेदन दे सकते हैं. यहां फिर से सुनवाई की जाएगी. उसके बाद फैसला सुनाया जाएगा. आयोग, सीजीआरएफ का फैसला नहीं मानने पर बिजली कंपनी के अधिकारी के खिलाफ 1 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लग सकता है.

स्मार्ट मीटर को लेकर क्या है नई व्यवस्था?

  1. बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली कंपनी को डिविजन में स्थापित सुविधा केंद्र पर सीजीआरएफ के नाम से आने वाले आवेदनों को रिसीव करने का आदेश जारी किया है. ताकि, उपभोक्ताओं को आवेदन देने के लिए बिजली कंपनी के सर्किल मुख्यालय जाना नहीं पड़े. केस एडमिट होने के बाद दोनों पक्षों को नोटिस भेज जाएगा. बिजली कंपनी के अधिकारी और उपभोक्ता फोरम के समक्ष अपना-अपना पक्ष रखेंगे.
  2. सीजीआरएफ में केस एडमिट होने के बाद समाधान के लिए विद्युत कार्यपालक अभियंता को पत्र भेजा जाएगा. कार्यपालक अभियंता को 7 दिनों के अंदर जवाब देना होगा. जवाब नहीं आने की स्थिति में सीजीआरएफ दोनों पक्षों को नोटिस भेजेगा. सुनवाई की तय तारीख और समय उपभोक्ता अपना पक्ष स्वयं रखेंगे. बुजुर्ग होने की स्थिति में उनके बच्चे भी पक्ष रख सकते हैं.

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