Smart Meter Update: बिहार के कई जिलों से स्मार्ट मीटर लगाने का पुरजोर विरोध हो रहा है. राजद, कांग्रेस, सीपीआई समेत सभी विपक्षी दलों ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है. सांसद पप्पू यादव भी इस मुद्दे को लेकर बिहार सरकार पर हमलावर हैं. बिहार सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar ) ने आज राजधानी पटना में ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक में सीएम नीतीश ने स्मार्ट प्री-पेड मीटर (Smart Prepaid Meter) की स्थिति और बिजली आपूर्ति पर चर्चा की. बैठक के बाद सीएम नीतीश ने उर्जा विभाग के अधिकारियों को स्मार्ट मीटर लगाने में तेजी लाने और लोगों को इसके फायदे बताने के निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि हमने 2018 में ही राज्य के सभी घरों में बिजली पहुंचाने का काम कर दिया था और अब सरकार लोगों को सस्ती बिजली देने के लिए सब्सिडी दे रही है.
Smart Meter 2025 तक सभी घरों में होगा
उर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने आज सीएम नीतीश कुमार को प्रेजेंटेशन के जरिए विभागीय कार्यों की जानकारी दी. पाल ने बताया कि अब तक बिहार में 50 लाख 23 हजार से अधिक स्मार्ट प्री-पेड मीटर लग चुके हैं. इसमें से शहरी क्षेत्रों में 17 लाख 47 हजार और ग्रामीण इलाकों में 32 लाख 76 हजार लगाए गए हैं. उन्होंने ने बताया कि अगले वर्ष तक राज्य के सभी घरों में स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगा दिया जाएगा.
ऊर्जा मंत्री आरोपों को बताया राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर लगाये जा रहे आरोपों को राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित बताया है. उन्होंने कहा कि सूबे के दो करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं में से 50 लाख उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाये जा चुके हैं और उन्होंने इस पर पूरा भरोसा जताया है. विपक्षी दल राजद के द्वारा प्रीपेड मीटर उखाड़ने का अभियान चलाने की घोषणा से जुड़े सवाल पर यादव ने कहा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है. उपभोक्ताओं की सुविधा को लेकर प्रीपेड मीटर लगाये जा रहे हैं. अपने कार्यकाल में बिजली व्यवस्था को रसातल में रखने वाले लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले लोगों पर कानूनी प्रावधान के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी.
क्या बोले सीएम नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य के सभी घरों तक 2018 में ही बिजली पहुंचा दी गई थी. लोगों को कम रेट पर बिजली मुहैया कराने के लिए सरकार 15343 करोड़ रुपए की सब्सिडी भी दे रही है. बैठक में उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उपभोक्ताओं की शिकायतों का जल्द से जल्द निवारण किया जाए और स्मार्ट मीटर में आ रही तकनीकी खामियों को दूर किया जाए. उन्होंने आगे कहा कि स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को बिजली खर्च करने और बिल जमा करने में आसानी होता है. सरकार का मकसद लोगों को बिजली खपत को लेकर जागरूक करना है.
क्या निर्देश दिया गया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीटिंग में मौजूद उर्जा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे लोगों को स्मार्ट मीटर के फायदे बताने के लिए अभियान चलाएं. लोगों को जागरूक करें. आज की मीटिंग में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और ऊर्जा विभाग के अधिकारी मौजूद थे.
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