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पटना में स्मार्ट वर्क नहीं कर रहा स्मार्ट प्रीपेड मीटर, बिना बिजली जलाये माइनस में पहुंच रहा अमांउट

स्मार्ट प्री पेड मीटर वैसा स्मार्ट वर्क नहीं कर रही है जैसा कि दावा किया गया था. हर दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनमें न तो स्मार्ट मीटर लोगों को बिजली खपत की सूचना सही ढंग से दे पा रही है और न ही उनके अकाउंट में बकाया पैसे की नियमित रुप से जानकारी ही दे पा रही है

पटना शहर में पुराने डिजिटल मीटर को हटा कर नये स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लगाने का काम बीते डेढ़ वर्षो से जारी है. कुछ लोगों ने इसे अपनी मर्जी से लगवाया है जबकि कुछ के घरों में उनकी अनिच्छा के बावजूद इसे लगा दिया गया है.

लगाते समय किए गए थे कई दावे 

इसे प्रदेश के हर घर में लगाने की योजना बनाते समय दावा किया गया था कि यह न केवल बिजली कंपनी के लिए फायदेमंद होगा और उन्हें बकाया बिजली बिल को वसूलने के झंझट से निजात दिला देगा बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी सुविधाजनक होगा जो उनके द्वारा खपत की जाने वाली बिजली के हर दिन का लेखा जोखा उन्हें देगा.

स्मार्ट सुविधा देने का था दावा 

बिल चुकाने के लिए उन्हें पावर होल्डिंग कंपनी के काउंटर पर भी नहीं खड़ा रहना पड़ेगा बल्कि ऑनलाइन ही यह जमा हो जायेगा. और कई तरह की स्मार्ट सुविधा देने के दावे भी स्मार्ट मीटर को लगाने वाली एजेंसी के द्वारा किये गये थे. साथ ही इसकी व्यवस्था के फूलप्रूफ होने के दावे भी किये गये थे जिनके रीडिंग को किसी तरह बदला नहीं जा सकेगा.

कई तरह की आ रही शिकायत 

लेकिन स्मार्ट प्री पेड मीटर वैसा स्मार्ट वर्क नहीं कर रही है जैसा कि दावा किया गया था. हर दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनमें न तो स्मार्ट मीटर लोगों को बिजली खपत की सूचना सही ढंग से दे पा रही है और न ही उनके अकाउंट में बकाया पैसे की नियमित रुप से जानकारी ही दे पा रही है. बिना बिजली जलाये भी पैसा कट जा रहा है और बकाया चुकता होने के बावजूद भी एरियर जुड़ना जैसी शिकायतें आम हो गयी हैं. समस्या आने पर कंप्लेन तक दर्ज कराने में परेशानी की शिकायत आने लगी है.

Case 1: बकाया चुकता होने के बाद भी कट रहा एरियर

सीडीए कॉलोनी निवासी अश्विनी कुमार ने कहा कि उनके यहां प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगने के समय पिछले मीटर का 3200 रुपये का बिल बाकी था. इसको प्रीपेड मीटर के सॉफ्टवेयर ने अपने आप पांच महीने के एरियर में बदल कर हर दिन 22 रुपये के हिसाब से एरियर काटना शुरू कर दिया. पांच महीने तक अश्विनी इसे बकाया चुकता करने की प्रक्रिया मान कर चलते रहे लेकिन जब छठे महीने भी एरियर का कटना बंद नहीं हुआ तो सातवें महीने उन्होंने स्थानीय विद्युत प्रमंडल कार्यालय में इसकी शिकायत की. उसके बाद उनका एरियर कटना बंद हुआ और कुछ दिनों बाद उनका अतिरिक्त कटा 750 रुपया वापस भी उनके अकाउंट में आया.

Case 2: बिना इजाजत लगाया मीटर, बिजली चोरी का भी किया केस

अलकापुरी निवासी राजीव (बदला नाम) के घर में प्रीपेड मीटर लगाने के लिए बीते दिनों विद्युतकर्मियों की टीम आ गयी. राजीव के घर से बाहर होने की बात उनकी पत्नी ने बतायी. इसके बावजूद बिना इजाजत टीम उनके डिजिटल मीटर को उखाड़कर वहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने में जुट गयी. राजीव की मानें तो इसी क्रम में जब टीम से दूसरे दिन आने को कहा गया तो वापस लौटने के कुछ देर बाद टीम फिर से घर में आ गयी और पुराने मीटर में छेड़छाड़ का आरेाप लगाते हुए उसे उखाड़ कर ले गयी और अगले दिन थाने में उनकी बूढ़ी मां जिसके नाम पर उनका मकान है, के खिलाफ एफआइआर भी करा दिया.

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Case 3: बिना बिजली जलाये ही माइनस में पहुंच गया अमांउट

पटना के ट्रांसपोर्ट नगर में रहने वाले नीतीश ने बताया कि उनके गांव में स्थित मकान में कभी कभार जाने पर जलाने के लिए उन्होंने वहां के प्रीपेड मीटर में 200 रुपये का रिचार्ज बीते महीने कराया था. तब से अब तक वे गांव वाले घर पर गये नहीं है, वहां ताला बंद है लेकिन पैसा के खत्म होकर निगेटिव 125 रुपये का बिल बकाया होने का मैसेज उनके मोबाइल पर आ गया है. जब उन्होंने संबंधित मोबाइल एप पर शिकायत किया तो उन्हें 1219 पर शिकायत करने का मैसेज मिला. वहां रिंग करने पर फोन नहीं उठाया गया.

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