पटना. शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की संख्या लगातार बढ़ने से उत्साहित बिजली कंपनियों ने ग्रामीण इलाकों में भी प्रीपेड मीटर लगाने की तैयारी पूरी कर ली है. दोनों वितरण कंपनियां 2022-23 में कुल मिला कर 36 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगायेंगी, जिस पर करीब 2700 करोड़ रुपये खर्च होंगे. स्मार्ट प्रीपेड मीटर की आपूर्ति तथा उसकी स्थापना कर चालू करने वाली एजेंसी के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है.
साउथ बिहार बिजली वितरण कंपनी 750 करोड़ की लागत से 10 लाख, जबकि नॉर्थ बिहार बिजली वितरण कंपनी 1950 करोड़ रुपये की लागत से 26 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगायेगी. ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के साथ ही एनर्जी अकाउंटिग का काम भी साथ-साथ होगा. इसके तहत सभी डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफर पर प्रीपेड मीटर लगा कर उससे होने वाली बिजली खपत का आकलन किया जायेगा. इसकी मदद से बिजली चोरी के मुहल्लों को चिह्नित करने में कंपनी को मदद मिलेगी.
ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव व पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने को लेकर निकाली गयी निविदा में अच्छी संख्या में कंपनियों ने रुचि दिखायी है. जल्द ही एजेंसी का चयन कर काम शुरू कर दिया जायेगा. शहरी क्षेत्र के सभी सरकारी कार्यालयों को भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर से कवर किया जा रहा है. दिसंबर 2022 तक सभी शहरी क्षेत्र स्मार्ट प्रीपेड मीटर से लैस होंगे.
बिजली कंपनी का लक्ष्य सूबे में चार साल के अंदर पांच चरणों में 1.48 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने का है. पहले फेज में 2022 तक 36 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाया जाना है. हर हाल में मार्च 2025 तक पूरा लक्ष्य हासिल करना है. शहरी इलाकों में अब तक लगे 5.50 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटरों में ढाई लाख सिर्फ पटना में ही लगे हैं. समस्तीपुर में करीब 61 हजार, मोतिहारी में 50 हजार, पूर्णिया में 36 हजार और मुजफ्फरपुर में 30 हजार से अधिक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया गया है.