पटना : राज्य के सभी जिलों के कुल 529 सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट लगाये जा चुके हैं. अब भवनों में सौर ऊर्जा की खपत बढ़ने से आम बिजली की खपत में कमी आयी है़ इससे सरकारी भवनों में प्रति माह दो करोड़ 77 लाख सात हजार का बिजली बिल कम हुआ है़ जानकारी के अनुसार जनवरी माह में जिलों के सरकारी भवनों में 17 करोड़ 19 लाख 88 हजार का बिल आया था, जबकि सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट पूरे होने के बाद फरवरी में सभी जिलों के सरकारी कार्यालय का बिजली बिल घट कर 16 करोड़ 10 लाख 35 हजार का हो गया़ ग्रामीण विकास विभाग की मानें तो जल-जीवन-हरियाली के तहत सभी जिलों के कुल सरकारी कार्यालय 37 हजार तीन सौ 66 सरकारी भवनों में बिजली के लिए सौ ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाये जाने हैं. जिसमें अभियान के तहत अब तक मात्र दो सौ 18 फिलहाल प्रोजेक्ट लगाये जा रहे हैं, जबकि एक सौ 26 भवनों में काम पूरा हो चुका है.
टपकन विधि से मात्र 35 हेक्टेयर में सिंचाई कृषि विभाग की मानें तो जल-जीवन-अभियान के तहत अब तक राज्य के 35 हजार हेक्टेयर में टपकन विधि से सिंचाई की जा रही है़ वहीं फिलहाल राज्य के एक लाख 87 हजार में जैविक खेती के लिए क्षेत्रफल तय कर लिया गया है़ इसमें अधिकांश जगहों पर जैविक खेती की जा रही है. गौरतलब है कि राज्य में 153 लाख 85 हजार हेक्टेयर में कुल कृषि योग्य भूमि है़ नोडल विभाग की मानें तो पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष 2019-20 में सात सौ छह हेक्टेयर में कुल तीन सौ चार पौधशालाओं में चार करोड़ 97 लाख 29 हजार पौधे तैयार करने की जानकारी दी गयी है़ वहीं 31 मार्च तक 72 लाख 28 हजार पौधे पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से लगाये गये हैं.
इसके अलावा ग्रामीण विकास विभाग की ओर से 64 लाख 48 हजार पौधे लगाये गये हैं. इसमें 55 लाख 11 हजार पौधों को बचने का दावा किया जा रहा है. 1875 भवनों पर हुई रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था शिक्षा विभाग की ओर से दिये गये जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 के अंत तक दो लाख 12 हजार दो सौ 11 भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की जानी थी. इसमें एक हजार आठ सौ 74 भवनों में काम पूरे किये जा सके़ उसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग को वित्तीय वर्ष के अंत तक एक हजार एक सौ 15 भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की जानी थी, जबकि अंत मात्र एक सौ 99 भवनों में काम पूरे हुए. वहीं अन्य विभागों की ओर से वित्तीय वर्ष के अंत तक 10 हजार तीन सौ 53 भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की जानी थी. इसमें अंत तक सात हजार एक सौ 40 भवनों में काम पूरा हो पाया.