पटना. बांका के कजरा और भागलपुर के पीरपैंती में 450 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट 2024 तक पूरा हो जायेगा. फिलहाल दोनों जगहों पर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी (पीएमए) के चयन की अंतिम प्रक्रिया चल रही है. यह एजेंसी दोनों प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करेगी, जिसके आधार पर निर्माण एजेंसी का चयन कर एक से डेढ़ साल में प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जायेगा.
अधिकारियों के मुताबिक कजरा में जमीन की नापी कर पिलरिंग का काम पूरा कर लिया गया है. बाउंड्री निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल गयी है. वहीं, पीरपैंती में 70 फीसदी पिलरिंग हो गयी है. 10 से 15 फीसदी रैयतों का भुगतान लंबित है, जिसके लिए डीएम को चिट्ठी लिखी गयी है. कैंप लगा कर भुगतान कराया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक सूबे में जल संसाधन विभाग के नहरों पर सोलर प्लेट के जरिये बिजली उत्पादन की योजना पर भी काम चल रहा है. इसके लिए जहानाबाद के उदेरास्थान सहित दो-तीन स्थल पर प्रयोग की योजना बनी है. एजेंसियों से डीपीआर मांगी गयी है. विशेषज्ञों के मुताबिक नहरों पर सोलर प्लेट लगने से नहरों का वाष्पीकरण कम होगा कि सोलर ऊर्जा की क्षमता भी बढ़ेगी.
अधिकारियों ने बताया कि तालाबों में फ्लोटिंग सोलर प्लेट के जरिये भी बिजली का उत्पादन किया जा रहा है. इसके जरिये दरभंगा में 1.6 मेगावाट ,जबकि सुपौल में 0.525 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है. कई और भी तालाब चिह्नित किये गये हैं. उन्होंने बताया कि सरकारी भवनों पर पहले चरण में हरेक प्रखंड के प्रखंड कार्यालय, पंचायत भवन, हाइस्कूल और पीएचसी पर सोलर प्लेट लगाये गये. करीब 2500 भवनों पर यह लगाया गया. दूसरे चरण में 8000 सरकारी भवनों पर सोलर प्लेट लगाने की योजना है, जिनमें से पांच हजार का सर्वे कार्य पूरा कर 1200 के लिए वर्क ऑर्डर भी हो गया है. स्वीकृत लोड और कनेक्टेड लोड को व्यवस्थित करने की प्रक्रिया के चलते थोड़ा विलंब हो रहा है.
Also Read: दरभंगा में बिहार का पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट, 1.6 मेगावाट बिजली का हो रहा उत्पादन
साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लि. के एमडी महेंद्र कुमार ने बताया कि कजरा-पीरपैंती में सोलर पावर प्लांट के लिए पीएमए चयन की प्रक्रिया अंतिम दौर में है. डीपीआर तैयार कर जल्द काम शुरू कराया जायेगा. 2024 तक हम लोग नवीकरणीय ऊर्जा के लिए निर्धारित लक्ष्य हासिल कर लेंगे.