Patna: संजीव मुखिया के गिरोह ने चार दिन पहले ही उड़ा लिया था सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर
इओयू ने सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक का खुलासा कर दिया है. इसके अनुसार संजीव मुखिया के गिरोह ने परीक्षा से चार दिन पहले प्रश्नपत्र लेकर मोतिहारी जा रही गाड़ी को पटना में रोक कर प्रश्नपत्र का फोटो खींच लिया था.
संवाददाता, पटना : आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने बिहार पुलिस में सिपाही के 21391 पदों पर बहाली के लिए एक अक्तूबर, 2023 को हुई परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले का भी खुलासा कर दिया है. बीपीएससी की शिक्षक भर्ती परीक्षा-3 और नीट यूजी 2024 के पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया और उसके गिरोह ने ही परीक्षा से चार दिन पहले सिपाही बहाली का प्रश्नपत्र भी हासिल कर लिया था. गिरोह ने प्रश्नपत्रों की प्रिंटिंग, पैकेजिंग व जिला कोषागारों में सुरक्षित पहुंचाने को लेकर चयनित की गयी एजेंसी के साथ सांठगांठ कर प्रश्नपत्र लीक कांड को अंजाम दिया. उसने प्रश्नपत्र को मोतिहारी ले जा रही गाड़ी को छह घंटे पटना में रोके रखा और उसके बक्सों और लिफाफे को खोल कर प्रश्नपत्र का फोटो खींच लिया. बाद में प्रश्न पत्र सॉल्व कर इनकी आंसर-की अभ्यर्थियों से पैसे लेकर उनको उपलब्ध करायी गयी. यही ‘आंसर-की’ परीक्षा के दिन वायरल हुई थी.
कोषागारों में न पहुंचा कर पटना के वेयरहाउस में प्रश्नपत्र किये अनलोड
इओयू की जांच में पता चला है कि प्रश्नपत्र व गोपनीय सामग्री को प्रेस से जिला कोषागारों तक सीधे भेजना था, लेकिन खुली गाड़ियों में बिना सील लॉक व बिना सुरक्षाकर्मी के प्रेस से कोलकाता स्थित वेयर हाउस में भेजा गया. फिर इन सामग्री को जिला कोषागारों में न पहुंचा कर पटना स्थित वेयरहाउस में अनलोड किया गया था. वहां से जिला कोषागारों में सामग्री भेजने के लिए जेनिथ लॉजिस्टिक आउटसोर्स किया गया.जांच में पता चला है कि पेपर ले जानेवाली गाड़ियां रास्ते में कई जगह रुकते हुए गयी थीं.फर्जी कंपनी से केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने किया था एकरारनामा
केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने सिपाही भर्ती परीक्षा प्रश्न पत्रों की प्रिंटिंग, पैकेजिंग व जिला ट्रेजरी तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए कोलकाता की जिस कंपनी कैलटेक्स मल्टीवेंचर प्रालि से करार किया था, वह फर्जी निकली. इओयू की जांच में इसके पंजीकृत कार्यालय के पते पर मात्र एक कमरा था और वहां इस कंपनी का कोई कर्मी कार्यरत था. इसका अपना कोई भी प्रिंटिंग प्रेस, वेयर हाउस या लॉजिस्टिक व्यवस्था नहीं है. इसने ये सभी कार्य स्वयं न कर ब्लेसिंग सिक्योर नामक कंपनी को आउटसोर्स कर दिया, जो गिरफ्तार अभियुक्त कौशिक कर की कंपनी है. कौशिक पूर्व में यूपीपीसीएस की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक का अभियुक्त रहा है. इस कंपनी का नाम अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा के पेपर लीक में भी आया है, जिसमें इसके कर्मी दिलीप साहा को जेल भेजा गया था. कौशिक ने 2021 में नयी कंपनी बनायी थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है