पटना. सॉल्वर गैंग के बड़े नेटवर्क का धीरे-धीरे खुलासा हो रहा है. पहले अतुल वत्स, फिर पीके, अश्विनी अब सौरभ और अब डॉ अफरोज की गिरफ्तारी के बाद पटना के डॉ गणेश का नाम सामने आ गया है. यह कौन है और पटना में कहां रहता है, इसके बारे में जानकारी अब तक पुलिस को नहीं मिल पायी है. लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह पीके के ही गिरोह का पटना का हेड सेटर है.
मालूम हो कि मंगलवार को वाराणसी में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में धांधली की कोशिश में वांछित 50 हजार के इनामी डॉ अफरोज अहमद को वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस ने गिरफ्तार किया था. बलरामपुर के गैंसड़ी थाना के नचौरी गांव के निवासी और लखनऊ के कैसरबाग स्थित गुडलक अपार्टमेंट में रहने वाले डॉ अफरोज को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था. इसके बाद से वह नेपाल, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, अमेठी और हैदराबाद में ठिकाने बदल-बदल कर रह रहा था.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटना पुलिस द्वारा सॉल्वर गैंग के चार सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद कई सारे खुलासे हुए हैं. मिली जानकारी के अनुसार मुसल्लहपुर व कंकड़बाग के कोचिंग संस्थानों से सॉल्वर गैंग को सॉल्वर दिया जाता था. मिली जानकारी के अनुसार सभी विषय के अलग-अलग सॉल्वर दानापुर के किराये के फ्लैट में मौजूद रहते थे और प्रश्नों के उत्तर देते थे.
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डॉ अफरोज के पास से मिले नीट-यूजी में शामिल हुए अभ्यर्थियों के मूल दस्तावेज में बिहार के अभ्यर्थियों के भी दस्तावेज शामिल हैं. इस बात की जानकारी पटना पुलिस को भी दी गयी है. सारे दस्तावेज को डॉ गणेश ने ही उपलब्ध कराया है. गणेश के अलावे पटना के छह और लोग हैं, जिनमें दो शिक्षक समेत अन्य लोग शामिल हैं. सूत्रों की मानें, तो पटना के रहने वाले चंदन, पीयूष और संजीव की पहचान सामने आई है. सभी पटना निवासी सॉल्वर गैंग के मास्टरमाइंड नीलेश कुमार उर्फ पीके के संपर्क में आकर जालसाजी करते थे.