पटना : बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर जमकर हमला बोला. उन्होंने दोनों नेताओं पर आरोप लगाया कि उक्त द्वय नेताओं ने देश को लूटने की आम सहमति से यूपीए की सरकार चलायी. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि होटल के बदले जमीन लिखवाने के मामले में आंखें मूंदीं रहीं. वहीं, आरजेडी पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘राजीव गांधी फाउंडेशन’ को मिले 90 लाख के चीनी चंदे पर वह चुप रहे.
सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ”महात्मा गांधी सेतु के समानांतर बननेवाले पुल में चीनी कंपनी का ठेका रद्द करने का फैसला हालांकि तकनीकी आधार पर लिया गया है, लेकिन इसी बहाने सरकार पर सवाल उठानेवाले राजद-कांग्रेस के लोगों को पहले राजीव गांधी फाउंडेशन को मिले 90 लाख के चीनी चंदे पर देश को जवाब देना चाहिए. यूपीए-1 के समय जब लालू प्रसाद केंद्र में मंत्री थे, तब चीनी दूतावास ने हर साल सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले फाउंडेशन को चंदे दिये थे. तब सोनिया चीनी चंदे ले रही थीं और लालू प्रसाद रेलवे के होटल के बदले जमीनें लिखवा रहे थे. यूपीए के दोनों दल ना केवल पैसे बनाने में लगे थे, बल्कि एक-दूसरे के भ्रष्टाचार पर चुप रहने की सहमति के आधार पर सत्ता की मलाई काट रहे थे.”
महात्मा गांधी सेतु के समानान्तर बनने वाले पुुल में चीनी कंपनी का ठेका रद करने का फैसला हालांकि तकनीकी आधार पर लिया गया है, लेकिन इसी बहाने सरकार पर सवाल उठाने वाले राजद-कांग्रेस के लोगों को पहले राजीव गांधी फाउंडेशन को मिले 90 लाख के चीनी चंदे पर देश को जवाब देना चाहिए।
यूपीए… pic.twitter.com/7ZSq62QJKC— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) June 29, 2020
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि ”कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जांच का सैंपल साइज बढ़ कर रोजाना 9 हजार हो गया है. लगभग दो लाख नमूनों की जांच हुई. मरीजों के ठीक होने की दर 78 फीसद हो गयी. बिहार पहला राज्य है, जहां घर-घर जाकर कोरोना की जांच की गयी. स्थिति काफी नियंत्रण में है, जबकि गैर-एनडीए शासित महाराष्ट्र, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में लाकडाउन 31 जुलाई तक बढ़ाने की नौबत आ गयी. राबड़ी देवी को कोरोना संक्रमण पर बोलने से पहले इस महामारी से निबटने में बिहार सरकार की तत्परता के आंकड़े भी देखने चाहिए थे, लेकिन उनकी पार्टी में कभी भी तथ्यों पर बोलने का संस्कार ही नहीं रहा.”
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जांच का सैंपल साइज बढ़ कर रोजाना 9 हजार हो गया है। लगभग 2 लाख नमूनों की जांच हुई। मरीजों के ठीक होने की दर 78 फीसद हो गई।
बिहार पहला राज्य है, जहां घर-घर जाकर कोरोना की जांच की गई। स्थिति काफी नियंत्रण में है, जबकि गैर-एनडीए शासित महाराष्ट्र……. pic.twitter.com/ncZpqXgoQu— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) June 29, 2020