सोनू-मोनू गिरोह ने अनंत सिंह को मारने के लिए मुंगेर से छह लाख में खरीदी थी AK-47, जानें क्या है दुश्मनी की वजह

Attack On Anant Singh: अनंत सिंह को मारने के लिए सोनू-मोनू गिरोह ने 50 लाख रुपये की सुपारी ली थी. साल 2017 में कुख्यात मोनू सिंह ने अनंत सिंह की हत्या के लिए मुंगेर से 6 लाख रुपये में एके-47 खरीदी थी. फिर सोनपुर में हत्या की प्लानिंग भी बनायी गयी. जानें फिर क्या हुआ...

By Radheshyam Kushwaha | January 23, 2025 7:32 AM

Attack On Anant Singh: मोकामा में पूर्व विधायक अनंत सिंह और सोनू-मोनू गिरोह के बीच वर्चस्व की लड़ाई यह कोई पहली बार नहीं है. इससे पहले साल 2017 में कुख्यात मोनू सिंह ने अनंत सिंह की हत्या के लिए मुंगेर से 6 लाख रुपये में एके-47 खरीदी थी. सोनपुर में हत्या की प्लानिंग भी बनायी गयी. केवल अनंत सिंह ही नहीं बल्कि उनके करीबी मुखिया प्रत्याशी मणि सिंह को भी मारने की प्लानिंग थी. लेकिन उस वक्त साजिश सफल नहीं हो सकी. इसके बाद 2018 में फिर से रेकी कर हत्या की साजिश रची गयी, लेकिन पुलिस ने हमला होने से पहले मोनू और उसके साथी निलेश को गिरफ्तारी कर लिया. अनंत सिंह को मारने के लिए सोनू-मोनू गिरोह ने 50 लाख रुपये की सुपारी ली थी. जानकारी के अनुसार, यह गैंगवार वर्चस्व को लेकर हुआ है. पूर्व विधायक अनंत सिंह और सोनू-मोनू गैंग के बीच शुरुआती दौर से ही रिश्ते तनाव भरे रहे हैं, लेकिन अनंत सिंह के जेल से रिहा होने के बाद दोनों के बीच कुछ समय के लिए रिश्तों में सुधार भी हुआ था.

यूपी के मुख्तार अंसारी से भी था मोनू का संबंध

सोनू कुमार और मोनू कुमार भाई हैं और दोनों मिलकर गैंग चलाते हैं. दोनों के खिलाफ लूट, रंगदारी और हत्या समेत कई संगीन अपराधों के दर्जनों मामले दर्ज हैं. इस गिरोह के तार बिहार-यूपी के साथ-साथ झारखंड, पश्चिम बंगाल और दिल्ली से भी जुड़े हैं. सोनू-मोनू गिरोह का संबंध यूपी के मऊ से विधायक रहे मुख्तार अंसारी से भी रहा है. यह बात खुद मोनू ने 2018 में गिरफ्तारी के बाद पटना पुलिस को बतायी थी. नौरंगा गांव के रहने वाले सोनू-मोनू इलाके के कुख्यात अपराधी हैं. इन पर मर्डर, अपहरण और फिरौती समेत 12 से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं. मोकामा में अनंत सिंह के साथ इसकी पुरानी अदावत रही है. साल 2009 में ट्रेन में लूटपाट के बाद सोनू-मोनू का गांव में ही दरबार लगने लगा. दोनों के खिलाफ मोकामा जीआरपी में कई मामले दर्ज हैं. सभी ट्रेन में लूटपाट से संबधित हैं. पटना के अगमकुआं थाना क्षेत्र में हथियार बरामदगी मामले में मोनू बेऊर जेल में भी कई महीनों तक सजा काट चुका है.

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जेल से बाहर आने के बाद अनंत सिंह से मिलने पहुंचा था मोनू

दरअसल अनंत सिंह के जेल से निकलने के बाद मोनू सिंह उनसे मिलने पहुंचा था. उस दौरान अच्छी बातचीत हुई. ग्रामीणों को लगा कि रिश्ते में सुधार होने लगा, लेकिन इसके बाद फिर से वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गयी. मालूम हो कि साल 2022 उनके आवास से प्रतिबंधित एके-47 रायफल, हैंड ग्रेनेड और 27 गोलियां मिलने का है. ये चीजें अनंत सिंह के पैतृक गांव घर से मिली थीं. इससे पहले अनंत सिंह के सरकारी आवास पर इंसास रायफल की मैगजिन और विदेशी बुलेट प्रूफ जैकेट मिलने का मामला सामने आ चुका है.

पहली बार 9 साल की उम्र में अनंत सिंह हुए थे गिरफ्तार

हत्या के आरोप में पहली बार नौ साल की उम्र में गिरफ्तार हुए. इसके बाद गांव में हुए आपसी विवाद में 15 साल की उम्र में उन्हें दूसरी बार जेल जाना पड़ा था. अपहरण, हत्या, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक अधिनियम, यूएपीए समेत विभिन्न आरोपों में उनके विरुद्ध अब तक 39 मुकदमे दर्ज हैं. कम उम्र में मोकामा टाल क्षेत्र में कब्जा जमाने को लेकर हथियार उठाने और चार भाइयों में सबसे छोटे होने की वजह से लोग उन्हें छोटे सरकार बुलाने लगे. 90 के दशक तक उनकी छवि राबिनहुड वाली भी रही. 2013 में उन्होंने पाटलिपुत्र कालोनी में एक आलीशान होटल बनवाया और इससे पहले फ्रेजर रोड में मॉल का निर्माण कराया था. दोनों ही समय उनपर जमीन कब्जा करने का आरोप लगा.

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