स्कूली बच्चों की शिकायतों पर बाल संसद के सामने होगा समाधान
राज्य के सरकारी स्कूलों में लगी शिकायत पेटिकाओं में बच्चों की तरफ से डाली गयी लिखित शिकायतों को रद्दी की टोकरी में फेका नहीं जा सकेगा.
स्कूलों में लगी पेटिका में शिकायतों के समाधान के लिए बनेगी एसओपी संवाददाता,पटना राज्य के सरकारी स्कूलों में लगी शिकायत पेटिकाओं में बच्चों की तरफ से डाली गयी लिखित शिकायतों को रद्दी की टोकरी में फेका नहीं जा सकेगा. शिक्षा विभाग इन शिकायतों के समाधान के लिए नियम कायदे अथवा एसओपी (स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तय करने जा रहा है. अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने इस मामले को संज्ञान में लिया है. सरकारी स्कूलों में शिकायत पेटिका लगाने का प्रावधान है. कायदे में शिकायती पत्र मिलने के बाद शिकायतों के समाधान के लिए सक्षम के पास भेजा जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. इस बात का पता अपर मुख्य सचिव के संज्ञान में लाया गया है. लिहाजा अपर मुख्य सचिव ने रणनीति बनायी है कि इस तरह की शिकायतों के समाधान के लिए बाल संसद और स्टूडेंट कमेटी के सामने लाया जायेगा. स्कूलों में गठित बाल संसद में बच्चों के सामने ही इन शिकायती पेटिका खोलने और उनके समाधान किया जायेगा. इसका बच्चों को बाकायदा फीड बैक भी दिया जायेगा. एसीएस सिद्धार्थ ने कहा है कि विभाग इसकी एसओपी तैयार कर रहा है. दरअसल इन शिकायत पेटिका में बच्चों को स्कूल से जुड़ी परेशानियों को दर्ज कराना था. शिक्षकों का व्यवहार कैसा है? स्कूल में पढ़ाई हो रही है या नहीं? खासतौर पर लड़कियों को अपनी बात रखने का अवसर दिया गया था. दरअसल वह संकोच के कारण अपनी बात नहीं रख पाती हैं. वर्ष 2017 में शिक्षा विभाग के एक आदेश के तहत यह पेटिका लगायी गयी हैं. शिकायत पेटिका को महीने मे एक बार खोला जायेगा. शिकायत पेटिका में दो बॉक्स होंगे. एक अर्जेंट और दूसरी सामान्य पेटिका. तब आदेश में कहा गया था कि शिकायत पेटिका खोलने के लिए तीन शिक्षकों की टीम बनायी जायेगी. ये शिक्षक सभी शिकायतों को जिला शिक्षा कार्यालय भेजेंगे.
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