पटना में ‘सीता के बदलते रूप’ फिल्म के साथ हुआ दक्षिण एशिया महिला फिल्म महोत्सव का आगाज, 4 जगहों पर आयोजन
‘सीता के बदलते रूप’ फिल्म की निर्देशिका पुष्पा रावत ने कहा कि महिलाओं को लेकर समाज को अपनी सोच बदलने की जरूरत है. महिलाओं को अपने उपर हो रहे अत्याचारों का विरोध करना चाहिए. उन्हें अपने अधिकारों को लेकर जागरूक होने की जरूरत है.
पटना. गुरुवार से शहर में दक्षिण एशिया महिला फिल्मोत्सव शुरु हो गया है. इसके पहले दिन मगध महिला कॉलेज में इसका उद्घाटन कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री जितेंद्र कुमार राय ने किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से राज्य में फिल्मों को लेकर सकारात्मक माहौल बनाने के लिए अनेकों प्रयास किये जा रहे हैं. इसी क्रम में विभिन्न अवसरों पर बाल फिल्मोत्सव, महिला फिल्मोत्सव आदि का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्राचीनतम कलाओं के संरक्षण एवं नवीनतम कलाओं के लिए सदैव प्रयासरत है. विभाग द्वारा इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सोनपुर मेले का आयोजन भी किया जाता रहा है साथ ही फिल्म विकास नीति का भी निर्माण किया जा रहा है.
चार शैक्षणिक संस्थानों में हो रहा है महोत्सव का आयोजन
दक्षिण एशिया महिला फिल्मोत्सव के बारे में जानकारी देते हुए कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी ने बताया कि इस फिल्म फेस्टिवल पटना के चार शैक्षणिक संस्थानों मगध महिला कॉलेज, चाणक्य लॉ विश्वविद्यालय, चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट तथा निफ्ट में किया गया है.
‘सीता के बदलते रूप’ फिल्म के साथ हुआ आगाज
समारोह में ‘सीता के बदलते रूप’ फिल्म की निर्देशिका पुष्पा रावत ने कहा कि महिलाओं को लेकर समाज को अपनी सोच बदलने की जरूरत है. महिलाओं को अपने उपर हो रहे अत्याचारों का विरोध करना चाहिए. उन्हें अपने अधिकारों को लेकर जागरूक होने की जरूरत है. उद्घाटन समारोह में मगध महिला कॉलेज की प्राचार्या प्रो. नमिता कुमारी ने कहा कि लड़कियों को शादी के बाद पति पर आर्थिक रूप से निर्भर रहने का नहीं सोचना चाहिए बल्कि खुद आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें.
दक्षिण एशिया kकी फिल्मों का हो रहा प्रदर्शन
उद्घाटन समारोह में टीवी व फिल्म अदाकारा अस्मिता शर्मा ने कहा कि बिहार की बेटी होने के नाते उन्हें हमेशा बिहार आना अच्छा लगता है, उन्हें बिहार से काफी उम्मीदें रहती हैं. इस मौके पर फिल्म दक्षिण एशिया के सहायक निदेशक आलोक अधिकारी ने कहा कि इस फिल्म फेस्टिवल में भारत के साथ-साथ नेपाल, श्रीलंका एवं बांग्लादेश की फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जायेगा.
फिल्म में दिखी महिलाओं के साथ भेदभाव की कहानी
दक्षिण एशिया फिल्म महोत्सव के पहले दिन सीता के बदलते रूप, डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन किया गया. 60 मिनट की इस फिल्म का निर्देशन पुष्पा रावत ने किया है. फिल्म में गाजियाबाद की एक रामलीला टीम में पहली बार महिला कलाकारों को शामिल करने के बाद आये बदलावों को दिखाया गया. फिल्म में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार और भेदभाव को भी दिखाया गया. फिल्म सवाल उठा गयी कि आखिर महिलाओं का घर कौन सा होता है? इसके साथ ही पहले दिन मगध महिला कॉलेज में श्रीलंका की तमिल फिल्म फेस कवर भी दिखायी गयी. 70 मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म का निर्देशन एएम अशफाक ने किया है.