पटना ZOO में स्पैरो अवेयरनेस प्वाइंट का हुआ उद्घाटन, जू में मैसूर से आयेंगे जेबरा, ढोले और हंस
संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना जू) में इस माह मैसूरु चिड़ियाघर से नये मेहमान आयेंगे. पटना जू को मैसूरु चिड़ियाघर से तीन बाइसन, दो ग्रांट जेब्रा, दो सोनकुत्ता और दो काले हंस मिलेंगे. इसके बदले में पटना जू को एक मादा जिराफ वहां भेजना होगा.
पटना जू में पर्यावरण एवं वन विभाग पटना के सहयोग से एनवायरमेंटल वारियर्स और हमारी गोरैया की ओर से गौरैया संरक्षण के लिए शुरू किये गये प्रोजेक्ट चहचाहट की दो बहुप्रतिक्षित परियोजना का उद्घाटन किया गया. दो परियोजनाओं में स्पैरो अवेयरनेस प्वाइंट और बिहार के विभिन्न जिलों में निर्मित नौ स्पैरो जोन शामिल हैं. शनिवार को इसका उद्घाटन पटना विवि के पूर्व कुलपति प्रो रास बिहारी सिंह, पीआइबी पटना के सहायक निदेशक एवं गौरैया संरक्षण के क्षेत्र में सक्रिय संजय कुमार, अतुल आदित्य पांडेय, विभागाध्यक्ष, भूगर्भ शास्त्र विभाग, पटना विवि, पटना जू के उपनिदेशक अमित कुमार, पूर्व रेंजर ऑफिसर आंनद कुमार और राज्य वन परिषद के सदस्य मृत्युंजय माणी ने संयुक्त रूप से किया.
गौरैया संरक्षण अभियान को लेकर लगायी गयी प्रदर्शनी
मौके पर गौरैया संरक्षण अभियान को लेकर एक प्रदर्शनी लगायी गयी. प्रदर्शनी में गौरैया के लिए आवास, दाना पानी की क्या क्या व्यवस्था हो मॉडल से बताया गया. साथ ही संजय कुमार की पुस्तक ओ री गौरैया और अभी मैं जिंदा हूूं गौरैया प्रदर्शित की गयी. साथ ही कई पेंटिंग्स भी लगाये गये. मौके पर पांच पर्यावरण योद्धाओं को सम्मानित किया गया.
गौरैया संरक्षण का दिया संदेश
प्रो रास बिहारी सिंह ने कहा कि आज भौतिक युग में सब कुछ बदल चुका है इसी का नतीजा है कि घर आंगन की गौरैया गायब हो रही है. ऐसे में आज संरक्षण की जो पहल हुई है एक अहम पहल है, और इस क्षेत्र में युवा सामने आ रहे यह महत्वपूर्ण है. गौरैया संरक्षण के क्षेत्र में सक्रिय संजय कुमार ने कहा कि गौरैया की घर वापसी के लिए हर घर से संरक्षण की शुरुआत होनी चाहिए. दाना, पानी, बॉक्स और पेड़ लगाने की पहल जरूरी है. अतुल आदित्य पांडेय ने कहा कि गौरैया संरक्षण सिर्फ गौरैया के संरक्षण का काम नहीं करता बल्कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता हैं.
पटना जू में मैसूर से आयेंगे जेबरा, ढोले और हंस
संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना जू) में इस माह मैसूरु चिड़ियाघर से नये मेहमान आयेंगे. पटना जू को मैसूरु चिड़ियाघर से तीन बाइसन, दो ग्रांट जेब्रा, दो सोनकुत्ता और दो काले हंस मिलेंगे. इसके बदले में पटना जू को एक मादा जिराफ वहां भेजना होगा. दोनों चिड़ियाघरों के बीच पशु विनिमय कार्यक्रम के तहत पशु-पक्षी का आदान-प्रदान होगा.
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पटना जू में 1163 पशु-पक्षी हैं
मुख्य वन्यजीव वार्डन पी के गुप्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि इसकी अनुमति मिल गयी है. मालूम हो कि पटना जू में वर्तमान में केवल एक मादा जेबरा है और जोड़ी को पूरा करने के लिए एक नर जेबरा की जरूरत है. मैसुरू के श्री चामराजेंद्र जूलॉजिकल गार्डन से एक नर जेबरा और एक मादा जेबरा पटना जू को मिलेगा. उन्हें विशेष बाड़े में उन्हें रखा जाएगा, जहां वे प्रजनन कर सकेंगे. पटना जू को काले हंसों की एक जोड़ी भी मिलेगी. मालूम हो कि पटना जू में 1163 पशु-पक्षी हैं.