बिहार के मंदिर व मठों में बनेंगे पढ़ाई से वंचित बच्चों के लिए स्पेशल सेंटर, प्रवासी मजदूरों के बच्चों को भी पढ़ाने की तैयारी
प्रदेश में विभिन्न वजहों से अब तक पढ़ाई से वंचित रहे एवं कोविड संक्रमण काल में बिहार लौटे मजदूरों के बच्चों को पढ़ाने के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर विशेष सेंटर खोले जा रहे हैं. इन विशेष सेंटर्स पर न केवल इन बच्चों की पढ़ाई होगी, बल्कि उम्र के हिसाब से उन्हें रचनात्मक प्रशिक्षण भी दिया जायेगा. ऐसे बच्चों की संख्या 1.25 लाख से अधिक है. स्कूल, मठ-मंदिर या दूसरे धार्मिक और सामाजिक संस्थाआें के भवनों में ऐसे खास सेंटर बनाये जायेंगे.
प्रदेश में विभिन्न वजहों से अब तक पढ़ाई से वंचित रहे एवं कोविड संक्रमण काल में बिहार लौटे मजदूरों के बच्चों को पढ़ाने के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर विशेष सेंटर खोले जा रहे हैं. इन विशेष सेंटर्स पर न केवल इन बच्चों की पढ़ाई होगी, बल्कि उम्र के हिसाब से उन्हें रचनात्मक प्रशिक्षण भी दिया जायेगा. ऐसे बच्चों की संख्या 1.25 लाख से अधिक है. स्कूल, मठ-मंदिर या दूसरे धार्मिक और सामाजिक संस्थाआें के भवनों में ऐसे खास सेंटर बनाये जायेंगे.
स्कूल नहीं जाने वाले सवा लाख बच्चों में करीब 58 हजार बच्चे उन मजदूरों के हैं, जो कोविड के संकट काल में अपने गांव-घर लौटे थे. कोविड की विभीषिका झेल चुके इन बच्चों के नजरिये को सकारात्मक करने की दिशा में विशेष कार्य भी किया जायेगा. भारत सरकार के सहयोग से बिहार शिक्षा परियोजना इस दिशा में काम चार जनवरी से विशेष शिक्षकों को ट्रेंड करने जा रहा है.15 जनवरी तक उन जगहों को तलाशने सर्वेक्षण शुरू किया गया है, जहां इन्हें पढ़ाया जायेगा. अधिकतर बच्चे उम्र के हिसाब से विशेष स्कूलों में नामांकित किये गये हैं. इसलिए उन्हें पढ़ाने व विशेष ढंग से प्रशिक्षित करने के लिए वॉलिटियर्स के अलावा सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की भी मदद ली जा रही है.
चूंकि कक्षा एक से आठ तक के स्कूल बंद हैं, इसलिए उन्हें विशेष स्थानों पर यह स्पेशल सेंटर खोले जाने हैं. कोविड से जुड़ी गाइडलाइन और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते इन्हें पढ़ाया जाना है. इसके लिए पर्यावरण के लिहाज से बेहतर स्कूल भवन के अलावा चाहे कोई धार्मिक स्थान या कोई सामुदायिक भवन, यह स्पेशल सेंटर बनाये जा सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि कोविड काल में पाबंदी की वजह से यह स्पेशल सेंटर 2019-20 के शैक्षणिक सत्र की शुरुआती समय में खोले जाने थे. कोविड की वजह से लगी पाबंदी खुलने की वजह से अब सेंटर शुरू किये जा रहे हैं. उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले ही केंद्रीय शिक्षा विभाग के सचिव ने प्रदेश शिक्षा विभाग मीटिंग करके इन सेंटरों को शुरू करने की हिदायत दी थी. ऐसे बच्चों की पढ़ाई के लिए भारत सरकार ने प्रति विद्यार्थी तीन हजार रुपये दिये हैं. विशेष सेंटरों में बच्चों की पढ़ाई एवं प्रशिक्षण के लिए राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह ने जरूरी दिशा निर्देश जारी किये हैं.
Posted By: Thakur Shaktilochan