SEZ In Bihar: बिहार के औद्योगीकरण के लिए लगातार प्रयास कर रही राज्य सरकार को बड़ी सफलता मिली है. भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बिहार में दो स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) स्थापित करने पर सहमति दे दी है. इसके लिए मंत्रालय ने पश्चिमी चंपारण के कुमारबाग और बक्सर के नवानगर का निरीक्षण किया और इसे SEZ के लिए उपयुक्त पाया. यह निरीक्षण फाल्टा SEZ ने 26 और 27 जून 2024 को किया. बिहार के उद्योग एवं पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है.
नीतीश मिश्रा ने की थी पीयूष गोयल से मुलाकात
नीतीश मिश्रा ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया कि बिहार के लोग लंबे समय से बिहार में विशेष आर्थिक क्षेत्र की मांग कर रहे थे. इसी संदर्भ में उन्होंने नई दिल्ली में भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर बिहार में एक भी SEZ नहीं होने का मुद्दा उठाया और बिहार में विशेष आर्थिक क्षेत्र विकसित करने की मांग की. जिसके परिणामस्वरूप दोनों स्थलों का निरीक्षण किया गया और उन्हें विशेष आर्थिक क्षेत्र के लिए उपयुक्त पाया गया.
अभी कुछ औपचारिकताएं बाकी
नीतीश मिश्रा ने बताया कि SEZ स्थापित करने के लिए अंतिम प्रस्ताव में अभी कुछ औपचारिकताएं बाकी हैं, जिसमें बियाडा द्वारा भूमि आदि से संबंधित आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराएगा और आगे की प्रक्रिया पूरी करने के बाद प्रस्ताव को मंजूरी के लिए बोर्ड ऑफ अप्रूवल के पास भेजा जाएगा. बिहार में SEZ के विकास से एक नए औद्योगिक युग की शुरुआत होगी. देश-विदेश से बड़ी औद्योगिक इकाइयां निवेश के लिए बिहार आएंगी और रोजगार बढ़ेगा.
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रोजगार और निवेश को मिलेगा बढ़ावा
इससे पहले नीतीश मिश्रा ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर बिहार में दो जगहों पर एसईजेड की स्थापना की मांग की थी. उन्होंने पत्र में कहा था कि बिहार में दो विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) की स्थापना से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, पूंजी निवेश होगा और लोगों को रोजगार मिलेगा.
बिहार में मानव संसाधन प्रचुर मात्रा में है. इसके बावजूद राज्य को महत्वपूर्ण निवेश आकर्षित करने और अपनी पूरी आर्थिक क्षमता को साकार करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. SEZ की स्थापना से बिहार को काफी फायदा हो सकता है. SEZ कृषि जैसे पारंपरिक क्षेत्रों से परे उद्योगों को बढ़ावा देकर आर्थिक विविधीकरण की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे किसी एक क्षेत्र पर निर्भरता कम होगी.
एसइजेड के लाभ
- घरेलू बाजार से पूंजीगत वस्तुओं, कच्चे माल और उपयोगी कलपुर्जों आदि की खरीद पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क से छूट.- निर्यात बिलों की वार्षिक वसूली नहीं होने पर 5% तक राइट-ऑफ़ करने की अनुमति
- एसइजेड इकाइयों को भूखंडों के पट्टे-लाइसेंस पर स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क के भुगतान से छूट- निर्यात और आयात कार्गो की सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा कोई नियमित जांच नहीं.
- नियोक्ता को 6 सप्ताह पूर्व सूचना दिये बिना ऐसी कंपनियों में किसी भी हड़ताल की अनुमति नहीं- प्रबंधकीय पारिश्रमिक के लिए 2.40 करोड़ प्रति वर्ष की अनुमति
- 500 मिलियन डॉलर तक बाहरी वाणिज्यिक उधार की अनुमति
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