पटना. बिहार में महागठबंधन की नयी सरकार बन जाने के बाद करीब 12 दिन बीत जाने के बाद भी विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के अपने पद से इस्तीफा नहीं देने पर संशय की स्थिति बरकरार है. सत्ता पक्ष को विधानसभा अध्यक्ष के इस्तीफे का इंतजार है, जबकि अध्यक्ष समेत उनके दल भाजपा के नेताओं ने चुप्पी साध रखी है. अब लोगों की निगाहें 24 अगस्त बुधवार से आरंभ हो रही दो दिवसीय विधानमंडल के सत्र पर टिकी हैं.
पहले दिन सरकार बहुमत हासिल करेगी या पहले अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी, इसका निर्धारण विधानसभा सचिवालय अब तक नहीं कर पाया है, जबकि विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली की धारा 20 में यह स्पष्ट है कि विधानसभा की कार्यसूची को विधानसभा के सचिव, सदन के नेता से परामर्श कर तय करेंगे.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सदन की कार्यवाही के लिए दो ही एजेंडा तय किया गया है. पहला, सरकार का विश्वास मत हासिल करना और दूसरा अध्यक्ष के प्रति अविश्वास का प्रस्ताव पर चर्चातथा नये अध्यक्ष का चुनाव किया जाना. जानकारी के अनुसार सोमवार की देर शाम तक मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कोई रुख स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वो 24 अगस्त को सदन की कार्यवाही के दौरान अपने पद पर बने रहेंगे या इससे पहले बदले राजनीतिक समीकरण को देखते हुए पद से इस्तीफा दे देंगे.
ऐसी स्थिति में जब बुधवार को सदन की कार्यवाही आरंभ होगी तो पहला एजेंडा मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ पेश किये गये अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की होगी.
अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान अध्यक्ष अासन पर नहीं बैठेंगे. सदन की कार्यवाही विधानसभा के उपाध्यक्ष को चलाना होगा. अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की स्थिति में अगले दिन नये अध्यक्ष का चुनाव होगा.
सदन की कार्य संचालन नियमावली के अनुसार यदि मौजूदा अध्यक्ष का इस्तीफा सदन को कार्यवाही आरंभ होने के पूर्वप्राप्त हो गया तो सरकार पहले विश्वास का मत हासिल करेगी. इस दौरान आसन पर उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी विराजमान होंगे. अगले दिन नये अध्यक्ष का चुनाव होगा. यह तय है कि नया विधानसभा अध्यक्ष राजद कोटे से होंगे.
विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली की धारा 20 के अनुसार विधानसभा की कार्यसूची विधानसभा के सचिव सदन नेता से विमर्श कर तय करेंगे और सदस्यों को सूचित करेंगे. मौजूदा अध्यक्ष को हटाने की नोटिस का संकल्प की सूचना दी जा चुकी है. इसके 14 दिन पूरे हो चुके हैं. ऐसी स्थिति में सदन की सर्वोच्च प्राथमिकता अध्यक्ष को पद से हटाने वाले संकल्प को लाये जाने की होगी. कारण,जिस सभा के अधिकांश सदस्यों का आसन पर विश्वास नहीं है, वह अध्यक्ष एक भी कार्रवाई कैसे संपादित कर सकता है.
-विजय कुमार चौधरी, संसदीय कार्य मंत्री