कोरोना : अहमदाबाद से चली स्पेशल ट्रेन 20 घंटे की देरी से पहुंची दानापुर
ट्रेन संख्या 09535 श्रमिक स्पेशल ट्रेन अहमदाबाद जंक्शन से दानापुर को रवाना हुई, जो मंगलवार को दिन के 11:07 बजे 20 घंटे की देरी से पहुंची. इस ट्रेन से करीब 2,000 प्रवासी मजदूर उतरे. जहां, जैसे-तैसे स्क्रीनिंग कर गृह जिला भेज दिया गया. अहमदाबाद से दानापुर पहुंचे समस्तीपुर के रहने वाले रोहित बताते है कि अहमदाबाद से दानापुर के बीच में सिर्फ मुगलसराय में खाना-पानी दिया गया है.
पटना : ट्रेन संख्या 09535 श्रमिक स्पेशल ट्रेन अहमदाबाद जंक्शन से दानापुर को रवाना हुई, जो मंगलवार को दिन के 11:07 बजे 20 घंटे की देरी से पहुंची. इस ट्रेन से करीब 2,000 प्रवासी मजदूर उतरे. जहां, जैसे-तैसे स्क्रीनिंग कर गृह जिला भेज दिया गया. अहमदाबाद से दानापुर पहुंचे समस्तीपुर के रहने वाले रोहित बताते है कि अहमदाबाद से दानापुर के बीच में सिर्फ मुगलसराय में खाना-पानी दिया गया है. वो भी कुछ को मिला, तो कुछ को नहीं मिला. इसकी वजह थी कि ट्रेन के सभी यात्री भूखे-प्यासे थे और भोजन-पानी देखते ही टूट पड़े.
यहीं स्थिति पुणे से दानापुर पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन की भी थी. यह ट्रेन भी 18.5 घंटे की देरी से दानापुर स्टेशन दिन के 11:45 बजे पहुंची. इस ट्रेन के मजदूर भी भूखे-प्यासे दानापुर पहुंचे थे, जो स्टेशन पहुंचते ही खाना व पानी की मांग करने लगे. जिला प्रशासन की ओर से फूड पैकेट मुहैया कराया गया, जो सभी यात्रियों को नहीं मिल सका. बसों के लिए मजदूरों को घंटों करना पड़ रहा इंतजारदानापुर स्टेशन उतरे मजदूरों को गृह जिले भेजने को जिला प्रशासन के पास पर्याप्त संख्या में बसें उपलब्ध नहीं है.
स्थिति यह है कि मजदूरों को लोकल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से गृह जिला भेजा जा रहा है. इसके बावजूद कई जिलों के श्रमिकों को बसों से भेजा जा रहा है. मंगलवार को सीतामढ़ी, छपरा, सीवान, मुजफ्फरपुर, आरा, जहानाबाद सहित कई जिलों के मजदूरों को बस से भेजा गया. जिन्हें घंटों बस के इंतजार में बैठना पड़ा. स्थिति यह है कि बसों की कमी होने की वजह से सीट के अलावा छतों पर भी मजदूर बैठने को मजबूर हैं. लोकल श्रमिक ट्रेनों से भी भेजे गये मजदूर दानापुर स्टेशन से चार लोकल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों के लिए रवाना किया गया. सुबह 9:05 बजे मधुबनी, 11:00 बजे सीवान, 11:20 बजे गया और 12:00 बजे बेतिया के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन रवाना की गयी. इस ट्रेन के एक डिब्बे में 150 से 200 तक मजदूर सवार होकर गृह जिला गये, जहां कोई सोशल डिस्टैंसिंग का पालन होता नहीं दिखायी दिया.