बिहार में तेज गति से सड़कों और हाइवे का निर्माण किया जा रहा है. इन सड़कों पर वाहन चलाने के लिए एक गति सीमा तय होती है लेकिन वाहन चालक अकसर इस पर ध्यान नहीं देते और ओवरस्पीडिंग करते है. अब ऐसे ही वाहन चालकों पर नकेल कसने के लिए राज्य भर में हाइवे पर स्पीड इंटरसेप्टर लगाए जाएंगे. इसके लिए सबसे पहले पटना से शुरुआत की जाएगी जिसके बाद जिसके बाद जिलों की मुख्य सड़कों पर इंटरसेप्टर लगाया जाएगा.
पथ निर्माण विभाग इस पहल की शुरुआत पटना के जेपी गंगा पथ और अटल पथ से करेगा. आए दिन अटल पथ पर तेज गति के कारण हुए सड़क हादसों में कई लोगों की जान जा चुकी है. वहीं गंगा एक्स्प्रेसवे की शुरुआत तो अभी नहीं हुई है लेकिन युवाओं को यहां पर बाइक से स्टन्ट करते हुए देखा जा रहा है. यहां भी स्टन्ट के दौरान हादसे हुए हैं. इन्हीं हादसों ने विभाग को सड़कों पर सुरक्षा उपकरण लगाने के लिए मजबूर किया है.
पथ निर्माण विभाग ने तय किया है की अटल पथ एवं जेपी गंगा पथ पर स्पीड इंटरसेप्टर के साथ साथ सीसीटीवी भी लगाया जाए. इससे ओवर स्पीडिंग या स्टन्ट करने वाले वाहनों की आसानी से पहचान हो सकेगी और ऐसे लोगों पर कानूनी शिकंजा भी कसा जा सकेगा. इसको लेकर विभाग के अधिकारियों ने स्पीड इंटरसेप्टर लगाने वाली कंपनी के प्रतिनिधियों से बातचीत की और इसे लगाने की पूरी प्रक्रिया को समझा.
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स्पीड इंटरसेप्टर ऐसा उपकरण है जो की आमतौर पर राजमार्गों पर देखा जाता है. यह मुख्य रूप से सड़क से गुजरती वाहनों की गति पर नजर रखेगा और तेज रफ्तार वाहनों को चिह्नित करेगा. इसमें आम तौर पर स्पीड कैमरा और और उससे जुड़ा एक मॉनिटर लगा होता है. इसके अलावा भी इसकी कई खूबियाँ है जैसे यह गाड़ियों के नंबर प्लेट की फोटो भी खींच लेता है.