4040 स्कूलों व 25 इंजीनियरिंग कॉलेजों में खेल मैदान बनेंगे
राज्यभर में 6659 खेल मैदान बनाये जायेंगे. 4040 स्कूलाें, 16 पॉलिटेक्निक कॉलेजों और 25 राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में खेल मैदान बनेंगे.
स्कूल और कॉलेज के समय में विद्यार्थी ही खेल मैदान का उपयोग करेंगे मनोज कुमार, पटना राज्यभर में 6659 खेल मैदान बनाये जायेंगे. 4040 स्कूलाें, 16 पॉलिटेक्निक कॉलेजों और 25 राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में खेल मैदान बनेंगे. 2578 सरकारी जमीनों पर खेल मैदान बनाये जायेंगे. मनरेगा की ओर से खेल मैदानों का निर्माण किया जायेगा. स्कूल और कॉलेज के समय में संबंधित स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी ही खेल मैदान का उपयोग करेंगे. जबकि सरकारी जमीनों पर बने खेल मैदान का संचालन मुखिया की ओर से किया जायेगा. वॉलीबॉल, बैंडमिंटन, बास्केटबॉल और रनिंग ट्रैक अनिवार्य रूप से इन खेल मैदानों में बनाये जायेंगे. अधिक जमीन रहने पर इन चारों के अलावा फुटबॉल, ऊंची कूद, लंबी कूद व दूसरे खेलों के लिए मैदान बनाये जायेंगे. प्रत्येक मैदान पर दस लाख रुपये तक खर्च होंगें. सरकार की ओर से छह अरब 38 करोड़ 27 लाख रुपये स्वीकृत कर दिये गये हैं. अररिया, अरवल औरंगाबाद जिले में एक-एक पॉलिटेक्निक कॉलेजों में खेल मैदान बनाये जायेंगे. भोजपुर, जहानाबाद, कैमूर, लखीसराय, मधेपुरा, पश्चिम चंपारण, पटना, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, सुपौल और वैशाली जिले में भी एक-एक पॉलिटेक्निक कॉलेज में खेल मैदान बनेंगे. गोपालगंज जिले में दो पॉलिटेक्निक कॉलेजों में खेल मैदान का निर्माण होगा. अररिया, अरवल, बक्सर, गोपालगंज, जहानाबाद कैमूर, खगड़िया जिले में एक-एक इंजीनियरिंग कॉलेजों में खेल मैदान बनाये जायेंगे. जबकि लखीसराय, मधुबनी, मुंगेर, पश्चिम चंपारण, पटना, सारण, वैशाली और सीतामढ़ी जिले में भी एक-एक इंजीनियरिंग कॉलेजों में खेल मैदान बनेंगे. भागलपुर व शिवहर में दो-दो तथा पूर्वी चंपारण के छह इंजीनियरिंग कॉलेजों में खेल मैदान बनाये जायेंगे. अरवल में 24, भागलपुर में आठ, जहानाबाद में 13, खगड़िया में छह, मधेपुरा में तीन सरकारी जमीन पर खेल मैदान का निर्माण होगा. मुुंगेर में 26, समस्तीपुर में 23, शेखपुरा में 21, शिवहर में दो और सुपौल में 21 सरकारी जमीन ही खेल मैदान के लिए फिलहाल आवंटित हुई है.
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