Bihar Cabinet Meeting: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में सीधी नियुक्ति की बड़ी सौगात की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी. अब अंतरराष्ट्रीय खेलों में मेडल हासिल करने वाले या सहभागिता करने वाले खिलाड़ियों को सीधे एसडीओ और डीएसपी जैसे राजपत्रित पदों पर नियुक्ति की जायेगी. कैबिनेट ने ऐसे खिलाड़ियों को गजटेड पदों के लिए योग्यता नहीं होने पर पांच साल का मौका भी दिया है, जिससे वह इस अवधि में उस अर्हता को पूरा कर लें. मसलन कोई खिलाड़ी अगर इंटरमीडिएट पास है और उसे गजटेड पद पर नियुक्ति की गयी है तो वह पांच साल में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर सकता है.
खिलाड़ियों मिलेगी SDO-DSP की नौकरी
कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि कैबिनेट द्वारा बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधा नियुक्ति नियमावली 2023 के प्रारूप को स्वीकृति दी गयी है. उन्होंने बताया कि उत्कृष्ट खिलाड़ियों को लेकर विस्तृत नियम बनाये गये हैं. अगर कोई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय खेलों या विश्वकप में मेडल हासिल किया हो, सहभागिता की हो या किसी राज्य की ओर राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में मेडल हासिल किया हो तो उसे गजटेड पदों जैसे एसडीओ और डीएसपी जैसे पदों पर नियुक्ति का मौका मिलेगा. खिलाड़ियों के लिए खेलों के अनुसार सिपाही से लेकर अन्य पदों का भी नियुक्ति का मौका मिलेगा. कैबिनेट में 27 प्रस्तावों की स्वीकृति दी गयी.
कई पदों का भी किया गया सृजन
इसके अलावा बिहार कैबिनेट की बैठक में आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना के मुख्यालय तथा विश्वविद्यालय में स्थापित 7 विभिन्न स्कूलों के लिए शिक्षकों, पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के 201 पदों पर बहाली को भी स्वीकृति दी गयी है. इसके साथ ही, राज्य के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में समावेशी शिक्षा के तहत विशेष आवश्यकता वाले छात्र/छात्राओं को शैक्षणिक अनुसमर्थन प्रदान कराने के उद्देश्य से विभिन्न दिव्यांगता के प्रशिक्षित विशेष शिक्षक के कुल 270 पदों के सृजन को स्वीकृति मिली है.
नालंदा खुला विश्वविद्यालय को 120 करोड़ रुपये
कैबिनेट में नालंदा खुला विश्वविद्यालय के विभिन्न भवनों के निर्माण के लिए 120 करोड़ रुपये का आवंटन को भी स्वीकृति दी गयी है. इसके साथ-साथ राज्य के सभी निजी चिकित्सा महाविद्यालय एवं डीम्ड विश्वविद्यालयों के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के 50 फीसदी सीटों पर नामांकन एवं अन्य शुल्क सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए निर्धारित शुल्क के अनुरूप किये जाने को स्वीकृति दी है.