Sputnik v Vaccine: c के लिए बिहार में अभी और करना होगा इंतजार, जानिए कहां रुका है रूसी वैक्सीन का पहला खेप
Bihar Update on Sputnik vaccine |Russian vaccine has stopped in states of bihar: बिहार में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब धीमी हुई है. इस बीच कोरोना वैक्सीन का डोज तेजी से दिया जा रहा है. बिहार को अभी दो तरह के वैक्सीन मुहैया कराया गया है. लोग कोवैक्सीन और कोविशिल्ड के बाद अब रूसी वैक्सीन स्पूतनिक का भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. मंगलवार को यह इंतजार समाप्त होने वाला था लेकिन पेंच उलझने के कारण इसकी सप्लाइ नहीं हो सकी. अब कुछ दिनों का इंतजार और बढ़ चुका है.
बिहार में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब धीमी हुई है. इस बीच कोरोना वैक्सीन का डोज तेजी से दिया जा रहा है. बिहार को अभी दो तरह के वैक्सीन मुहैया कराया गया है. लोग कोवैक्सीन और कोविशिल्ड के बाद अब रूसी वैक्सीन स्पूतनिक का भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. मंगलवार को यह इंतजार समाप्त होने वाला था लेकिन पेंच उलझने के कारण इसकी सप्लाइ नहीं हो सकी. अब कुछ दिनों का इंतजार और बढ़ चुका है.
रूसी वैक्सीन स्पूतनिक का पहला खेप मंगलवार को पटना नहीं आ सका. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल के लैब से इसका क्लियरेंस नहीं मिल सका है जिसके कारण इसकी पहली खेप अभी मुहैया नहीं करायी जा सकी है.
बताया जा रहा है कि रूस में बने इस वैक्सीन की भारत में प्रभावशीलता कितनी है, इसकी जांच इसी लैब में होनी है. इसके माध्यम से दवा कंपनी डा. रेड्डी पटना के दो वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूटर को ये मुहैया कराने वाली थी. मंगलवार शाम तक दोनों को 50-50 हजार डोज मिलनी थी. लेकिन लैब क्लियरेंस नहीं मिलने से वैक्सीन पटना नहीं भेजा जा सका.
बता दें कि स्पूतनिक वी को सरकारी टीकाकरण अभियान में शामिल नहीं किया गया है. कोरोना टीकाकरण के लिए मान्यता प्राप्त प्राइवेट अस्पतालों को सिविल सर्जन कार्यालय के द्वारा उपलब्ध कराया जा सकेगा. हालांकि स्वास्थ्य विभाग इसकी निगरानी करेगा. निजी अस्पतालों को यह 995 रूपये में उपलब्ध करायी जाएगी. प्राइवेट अस्पतालों को वैक्सीन की कीमत के अलावा 150 रूपये अतिरिक्त शुल्क लेने की अनुमति दी गई है जो सर्विस चार्ज के रूप में लिया जा सकेगा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में रूसी वैक्सीन का प्रभाव कितना है या इसके दुष्प्रभाव क्या हो सकते हैं, इसकी जांच मई में शुरू कर दी गई थी. यह प्रक्रिया 15 दिनों तक चली और उसके बाद इसे जांच के लिए हिमाचल प्रदेश के ड्रग लैबोरेटरी में भेजा गया था. उम्मीद थी कि सोमवार शाम तक इसकी क्लियरेंस आ जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अब वहां से ओके का सर्टिफिकेट मिलने के बाद इसे राज्यों में भेजा जाएगा.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan