पटना: अरबों रुपये के सृजन घोटाला मामले में बैंक ऑफ इंडिया भागलपुर के तत्कालीन प्रबंधक दिलीप कुमार ठाकुर ने शुक्रवार को सीबीआइ पटना की विशेष अदालत में आत्म समर्पण कर जमानत का निवेदन किया. विशेष अदालत ने जमानत आवेदन को खारिज करते हुए 10 अक्तूबर तक प्रबंधक को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.
प्रबंधक पर आरोप है कि अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अन्य अभियुक्तों से आपसी षड्यंत्र करके वर्ष 2014 से वर्ष 2017 के बीच सरकारी राशि को सृजन संस्थान के खाते में भेजा. तत्पश्चात सृजन के कर्मियों के सहयोग से लगभग 15 करोड़ रुपयों की बंदरबांट की. सीबीआइ ने दिलीप ठाकुर समेत एक दर्जन से अधिक अभियुक्तों के खिलाफ 25 अगस्त, 2017 को मामला दर्ज कर आरोप पत्र दाखिल किया था.
प्रवर्तन निदेशालय ने कथित नक्सली पिंटू राणा, भाई मनोज राणा समेत चार के खिलाफ पटना इडी के विशेष जज सुनील दत्त मिश्रा की अदालत में मामला दर्ज कराया. पिंटू राणा ने अपने भाई और सहयोगियों के साथ मिलकर अवैध तरीके से जमुई और लखीसराय जिले में अपना दबदबा कायम कर लगभग नौ लाख की अवैध संपत्ति अर्जित की है. प्रवर्तन निदेशालय ने पाया है कि अभियुक्तों ने लेवी के माध्यम से अवैध संपत्ति अर्जित की है.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya