भागलपुर का सृजन घोटाला बिहार के बहुचर्चित घोटालों में एक है. इसमें लिप्त कई अधिकारी और बिजनेसमैन समेत अन्य आरोपितों पर लगातार कार्रवाई भी की जा रही है. लेकिन इस घोटाले ने कई आम लोगों को भी संकट में डाला है. ऐसा ही मामला कुछ कोसी नदी पर बनने वाले गाइड बांध से जुड़ा है जिसके लिए अधिग्रहीत की गई जमीन की राशि घोटाले की भेंट चढ़ गयी है और रैयत अब अदालत से लेकर कार्यालय तक भटक रहे हैं.
भागलपुर में विजय घाट के समीप कोसी नदी पर गाइड बांध के लिए अधिग्रहीत की गयी जमीन की मुआवजे की राशि सृजन घोटाले की भेंट चढ़ गयी. एक करोड़ 64 लाख 52 हजार 325 रुपये के करीब इस राशि का अनुमान लगाया गया है जो रैयतों को भुगतान किया जाना था. जिन्होंने अपनी जमीन दी है अब वो अदालत और कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गाइड बांध के लिए कई मौजे की जमीन के मुआवजे का भुगतान किया जा रहा था. इसी बीच सृजन घोटाले का खुलासा हुआ. पता चला कि बांध के लिए अधिग्रहीत जमीन के मुआवजे की राशि भी अवैध तरीके से निकाल ली गयी है. जिसके चलते रैयतों का भुगतान भी रुक गया. मुआवजा की राशि लेने रैयत पिछले कई सालों से जिला भू-अर्जन कार्यालय का चक्कर ही काट रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुआवजे की राशि जब सृजन संस्था के खाते में ट्रांसफर होने की बात सामने आयी तो तब अधिकारी हरकत में आए थे. तत्कालीन भू-अर्जन पदाधिकारी ने बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लि. को पत्र लिखकर इस घपले की जानकारी भी दी थी और आवंटन भेजने की मांग की थी. मुआवजा नहीं मिलने पर रैयतों ने हाइकोर्ट और जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय का दरवाजा भी खटखटाया. लेकिन अभी तक वो अपने मुआवजे का इंतजार ही कर रहे हैं.
Posted By: Thakur Shaktilochan