बिहार के सृजन घोटाले में एक और बड़ी गिरफ्तारी, मनोरमा देवी का करीबी सतीश झा गाजियाबाद में धराया

Srijan Scam Bihar: भागलपुर के सृजन घोटाले में एक और बड़ी गिरफ्तारी हुई है. मनोरमा देवी के करीबी रही सतीश झा को सीबीआई ने गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है. जानिए क्या थी इसकी भूमिका...

By ThakurShaktilochan Sandilya | December 18, 2024 8:00 AM
an image

Srijan Scam Bihar: भागलपुर में हुए बहुचर्चित सृजन घोटाले (Srijan Ghotala) की जांच अभी जारी है. सीबीआइ इस मामले में लगातार कार्रवाई कर रही है. इस कड़ी में सीबीआइ ने मंगलवार को गाजियाबाद से कॉपरेटिव सोसाइटी के ऑडिटर सतीश कुमार झा को गिरफ्तार किया है. सतीश झा वर्ष 2022 से फरार थे. उन्हें पकड़ने के लिए सीबीआइ छापेमारी भी कर रही थी. सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि बुधवार को सतीश कुमार झा को पटना में सीबीआइ की विशेष कोर्ट में पेश किया जायेगा. उसके बाद उन्हें रिमांड पर पर लेने के लिए भी कोर्ट से आग्रह किया जायेगा.

फरवरी 2022 में अंग विहार अपार्टमेंट में चिपकाया था इश्तिहार

सतीश झा कॉपरेटिव सोसायटी, बांका के ऑडिटर थे. इस घोटाले में उसकी संलिप्तता को देखते हुए सीबीआई ने चार्जशीट भी कर दिया था. इसके बाद सतीश झा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ, लेकिन वह सीबीआइ की गिरफ्त में नहीं आ रहा था. इसके बाद सहरसा के बनगांव स्थित सतीश झा के पैतृक गांव में भी सीबीआइ ने खोजबीन की. वहां कुछ जानकारी नहीं मिलने के बाद भागलपुर स्थित अंग विहार अपार्टमेंट में स्थित फ्लैट नंबर 101 में फरवरी, 2022 में सीबीआइ ने इश्तेहार चिपकाया था.

ALSO READ: Bihar Weather: बिहार में छाई कोहरे की चादर, जेट स्ट्रीम की वजह से पटना का बढ़ रहा तापमान

वित्तीय सलाह देते थे सतीश झा

सतीश झा पहले अनुमंडल अंकेक्षण पदाधिकारी थे और ऑडिट के दौरान ही मनोरमा देवी के करीब आये थे. अनुमंडल अंकेक्षण पदाधिकारी से सेवानिवृत्ति होते ही मनोरमा देवी ने उन्हें अपनी संस्था में रख लिया. बताया जाता है कि सृजन संस्था में वित्तीय कामकाज में सतीश झा की सलाह को सृजन प्रमुख मनोरमा देवी अहम मानती थी. वे राशि बंटवारे का हिसाब-किताब भी रखते थे.

क्या है सृजन घोटाला?

मालूम हो कि सृजन संस्था के द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों के सरकारी खाते से वर्षों तक घोटाला किया जाता रहा. इसका खुलासा वर्ष 2017 में तब हुआ, जब तत्कालीन डीएम आदेश तितरमारे ने चेक काटा और वह बाउंस कर गया. इसके बाद मामले की आंतरिक जांच करायी गयी, तो बैंक खाता खाली मिला. फिर विभिन्न बैंकों के खाते जांचे गये और बारी-बारी से अरबों के घोटाले का पर्दाफाश होता चला गया. मामले की जांच सीबीआइ कर रही है

Exit mobile version