केंद्र से अनुरोध : बेलगाम सोशल मीडिया और साइबर क्राइम रोकें
राज्य सरकार ने बेलगाम सोशल मीडिया और साइबर अपराध को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार से कड़े कदम उठाने का अनुरोध किया है. इस संबंध में राज्य सरकार ने गृह मंत्रालय को लिखित प्रस्ताव भेजा है.
पटना : राज्य सरकार ने बेलगाम सोशल मीडिया और साइबर अपराध को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार से कड़े कदम उठाने का अनुरोध किया है. इस संबंध में राज्य सरकार ने गृह मंत्रालय को लिखित प्रस्ताव भेजा है. सोमवार को विधान परिषद में प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की जिम्मेदार एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई ने एक प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय की विभिन्न एजेंसियों को भेजा है.
वर्तमान में इनसे जुड़े कानून नाकाफी साबित हो रहे हैं. राज्य सरकार की तरफ से इस मामले में समाधान के लिए पिछले महीने फरवरी में प्रस्ताव भेजा गया है. भाजपा के रजनीश कुमार की तरफ से पेश किये गये एक गैर सरकारी संकल्प का उत्तर देते हुए यह जानकारी दी. रजनीश कुमार ने परिषद से आग्रह किया था कि सोशल मीडिया गैर जवाबदेह और अफवाहों का जरिया बन गया है. इसे रोक लगाने एक नया कानून बनाने के लिए केंद्र को प्रस्ताव पारित कर भेजने का अाग्रह किया था.
मदरसों एवं संस्कृत शिक्षकों को मिलेगी तवज्जो : शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि मदरसा और संस्कृत शिक्षकों के लिए सरकार बेहतर सोच रही है. प्रो संजय कुमार सिंह की तरफ से पेश संकल्प कि राज्य के मदरसा और संस्कृत शिक्षकों को भी सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की भांति समरूप वेतन और भत्ते दिये जायें, पर कहा कि फिलहाल सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.
शिक्षा मंत्री ने डॉ संजीव कुमार के एक संकल्प के जवाब में कहा कि 2007 में नियुक्त शिक्षकों के मामले की समीक्षा मामले में पहले से समिति बनी है. वह काम करेगी. परिवहन मंत्री संतोष निराला ने कहा कि जहानाबाद कल्पा किनारी पथ में उंटा रेलवे क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज बनाने के लिए रेल मंत्रालय से अनुरोध किया जायेगा. इस मामले में गैर सरकारी संकल्प राधा मोहन शर्मा ने पेश किया था. जदयू के रामवचन राय ने कहा कि राज्य में सभी भाषा अकादमियां किराये के भवनों में चल रहीं हैं.
इन्हें एक छत के नीचे लाया जाये. मंत्री वर्मा ने जवाब दिया कि एक भी एजेंसी किराये के भवन में नहीं चलती. राय ने फिर सवाल किया ऐसा है तो बताएं कि कहां कहां चल रहीं हैं? मंत्री वर्मा ताड़ गये कि सवाल रुकने वाले नहीं हैं तो उन्होंने कहा कि राय ने इससे पहले इस मामले में कभी ध्यान नहीं खींचा. उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि बिहार भाषा आकादमी और विभाग की दूसरी जमीनों का इस्तेमाल ठीक से किया जाना चाहिए.