Patna कोतवाली थाना का अजब कारनामा, मोबाइल स्नेचिंग की घटना को गुम होने का दिया जाता है फॉर्मेट
Patna News: मोबाइल स्नेचिंग की घटना के बाद पटना कोतवाली पुलिस द्वारा FIR दर्ज नहीं कर गुमसुदगी का फॉर्मेट दिया जा रहा है. पटना कोतवाली पुलिस की इस कार्यशैली से पीड़ित परेशान है.
Patna News: बिहार की राजधानी पटना में एक तरफ पुलिस रोको टोको अभियान चला रही है. वहीं दूसरी तरफ कोतवाली पुलिस अपना अभियान चला रही है. मामला 4 दिसम्बर का है, जहां दिन के करीब 1 बजे कोतवाली थाना का है. दानापुर से लौट रहे एक व्यक्ति आलोक कुमार का मोबाइल छीनकर फरार हो जाते है. बताया जाता है कि पीड़ित आलोक कुमार जब दानापुर से अपने मेडिकल शॉप पर आ रहे थे. तभी कोतवाली थाना क्षेत्र के पटना वीमेंस कॉलेज के टी-पॉइंट पर एक बाइक पर सवार दो अज्ञात युवक उनके ऊपर पॉकेट में रखे कीमती मोबाइल फोन लेकर फरार हो जाते है.
पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
हैरानी की बात तो तब हुई जब पीड़ित आलोक कुमार कोतवाली थाना जाते है और अपनी घटना को पुलिस से बताते है, लेकिन कोतवाली पुलिस उनकी घटना को एफआईआर न लिख कर बल्कि गुमसुदगी का फॉर्मेट दे देती है और कहती है कि इसको भर कर दीजिए आपका मोबाइल मिल जाएगा. आपको बता दें कि पटना के एसएसपी सह डीआईजी राजीव मिश्रा ने साफ तौर पर सभी पुलिसकर्मियों को सख्त आदेश दिया था कि अगर किसी भी व्यक्ति का मोबाइल स्नेचिंग होता है तो उसका एफआईआर होना चाहिए.
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अगर ऐसा कोई पुलिसकर्मी नहीं करता है तो उसके ऊपर कार्रवाई की जाएगी. लेकिन देखने वाली बात है कि एसएसपी के आदेशों को भी पुलिसकर्मी नहीं मानते है. पटाना पुलिस भले ही सुबह सुबह अधिकारियों के आदेशों को मानकर हर जगह रोको टोको अभियान चल रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग ही बया कर रही है. अब देखने वाली बात होगी कि ऐसे पुलिसकर्मियों के ऊपर क्या कार्रवाई होती है.