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सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को धरातल पर उतारने बनेगी स्ट्रेटजी

शिक्षा विभाग की मैराथन कार्यशाला में डीइओ से लेकर उच्चाधिकारियों के बीच हुआ विमर्श-

फ्लेग::::शिक्षा विभाग की मैराथन कार्यशाला में डीइओ से लेकर उच्चाधिकारियों के बीच हुआ विमर्श

– गणित, अंग्रेजी और हिंदी में बच्चों की दक्षता बेहद जरूरी: सुनील कुमार

– गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में आ रही चुनौतियों का समाधान जरूरी: डॉ सिद्धार्थ

संवाददाता,पटना

शिक्षा विभाग की तरफ से आयोजित एक विशेष वर्कशॉप में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर मैराथन विचार मंथन किया गया. बताया गया कि विभाग विमर्श के प्रमुख बिंदुओं के आधार पर इंटरनल स्ट्रेटजी तैयार करेगा. इसके मसौदे की भूमिका बनायी जा रही है. सोमवार को एक निजी होटल में आयोजित इस वर्कशॉप का उद्घाटन प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने किया. विभाग के दोनों शीर्ष पदाधिकारियों ने राज्य की शिक्षा में सकारात्मक बदलाव के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की.

इस दौरान प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने की जरूरत है. खासतौर पर उन्होंने शिक्षकों के प्रभावी प्रशिक्षण पर जोर दिया. बच्चों के गणित, हिंदी और अंग्रेजी लेखन में दक्षता प्रदान करने की जरूरत पर बल दिया. इसके अलावा शिक्षा मंत्री ने शारीरिक शिक्षकों के बेहतर उपयोग, विद्यालयों को रोल मॉडल बनाना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, समग्र विद्यालय विकास व दिव्यांग छात्रों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही.

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने स्वागत भाषण के दौरान कार्यशाला विषय वस्तु से अवगत करवाया. उन्होंने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह है कि क्षेत्रीय पदाधिकारी से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लक्ष्य हासिल करने के दौरान आ रही चुनौतियों को चिह्नित करके उनके समाधान की दिशा में जरूरी कदम उठाये जाएं. उन्होंने कहा कि कार्यशाला के आधार पर इंटरनल स्ट्रैटजी तैयार की जायगी. कहा कि इस मामले में राज्य स्तर पर विचार करते हुए संबंधित मसौदे को अंतिम रूप दिया जायेगा.

कार्यशाला के दौरान शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव, विशेष सचिव सतीश चंद्र झा, निदेशक प्राथमिक शिक्षा पंकज कुमार, माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेंद्र सिंह, एससीइआरटी के निदेशक सज्जन आर, एमडीएम के निदेशक विनायक मिश्रा, अपर सचिव संजय कुमार, निदेशक प्रशासन सुबोध कुमार चौधरी, जन शिक्षा निदेशक अनिल कुमार और अपर राज्य परियोजना निदेशक डॉ रविशंकर सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे.

कार्यशाला के दौरान शिक्षा पदाधिकारियों ने अपने अनुभव से गुणवत्ता शिक्षा देने के संबंध में अपने अनुभव साझा करते हुए जरूरी सुझाव दिये. इन सभी ने नौ विशेष मुद्दों मसलन विद्यालय प्रबंधन और प्रशासन, विद्यार्थियों के नामांकन और उनकी उपस्थिति आदि पर विचार मंथन किया गया.

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