बिहार : स्ट्रीट वेंडरों की देनी होगी सूचना मिलेगा 10 हजार रुपये का लोन
bihar news नगर विकास व आवास विभाग की ओर से सभी निकायों के नगर आयुक्त व कार्यपालक पदाधिकारियों से उनके क्षेत्र के स्ट्रीट वेंडरों की जानकारी मांगी गयी है.
पटना : नगर विकास व आवास विभाग की ओर से सभी निकायों के नगर आयुक्त व कार्यपालक पदाधिकारियों से उनके क्षेत्र के स्ट्रीट वेंडरों की जानकारी मांगी गयी है़ विभाग की ओर से एसएमएस के माध्यम से सूचना भेज कर नगर निकाय के नाम, स्ट्रीट वेंडरों पर ऑनलाइन सर्वे की स्थिति, निकायों में स्ट्रीट वेंडरों की संख्या, आधार कार्ड से जुड़े स्ट्रीट वेंडर, स्वनिधि योजना के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करने वाले स्ट्रीट वेंडरों की स्थिति से लेकर कुल 12 से 13 तरह की सूचना को मांगा गया है.
निकायों को यह सूचना तत्काल भेजनी है़ कोरोना के संक्रमण काल में केंद्र की ओर से जारी किये गये 20 लाख करोड़ के राहत आर्थिक पैकेज में ही पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत हुई है़ इसके तहत स्ट्रीट वेंडरों, रेहड़ी-पटरी लगाने वाले और छोटे दुकानदारों को अपने व्यापार को संभालने के लिए दस हजार रुपये का लोन मुहैया कराना है.
सर्वे से लेकर पहचानपत्र देने का काम अधूरा
राज्य में स्ट्रीट वेंडरों के पहचान पत्र देने, वेंडिंग जोन बनाने से लेकर अन्य सर्वे के कार्य वर्षों से अधूरे पड़े हैं. राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत नगर विकास व आवास विभाग के माध्यम से पूर्व में काम कर रही एजेंसी ने वेंडिंग जोन बनाने व वेंडरों के पहचान पत्र देने आदि के कार्य को पूरा नहीं किया है़ इसको लेकर कई बार मंत्री स्तर पर आपत्ति भी दर्ज करायी जा चुकी है़ जानकारी के अनुसार वर्तमान समय में राज्य में करीब 63 हजार दो सौ 31 वेंडर बगैर आधार कार्ड वाले चिह्नित हैं, जबकि आधार कार्ड से जुड़े वेंडरों की संख्या 36 हजार दो सौ 86 के करीब है़ वहीं मात्र पटना सहित अन्य निकायों में कुल लगभग मात्र 20 हजार वेंडरों को ही पहचान पत्र दिया जा सका है़ जानकारी के अनुसार सभी निकायों में टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन कर लिया गया है़
नयी एजेंसी का हो रहा चयन
दीन-दयाल राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत राज्य के शहरी निकायों में काम करने के लिए एजेंसी चयन की प्रक्रिया अभी चल रही है़ बीते पांच वर्षों में पुरानी एजेंसी की कार्यावधि समाप्त होने के बाद नगर विकास व आवास विभाग के माध्यम से फिर से निविदा जारी की गयी है़ इसमें तकनीकी पक्ष व अन्य कार्य किये जा रहे हैं. जानकारी के अनुसार निविदा में भाग लेने वाली एजेंसियों से दावा आपत्ति का काम चल रहा है़ इसमें राजहंश कंस्ल्टेंट एंड टेक्नोक्रेट प्रावेट लिमिटेड कंपनी ने अपनी आपत्ति भी दर्ज करायी है़