पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में मद्य निषेध की समीक्षा बैठक की गयी. बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक सभी पुलिस अधीक्षक निरीक्षक और सभी थाना अध्यक्ष तथा सभी अनुमंडल पदाधिकारी सभी एसडीपीओ, सभी ड्रग इंस्पेक्टर, सहायक आयुक्त पटना, अधीक्षक मद्यनिषेध, पटना जिला आदि उपस्थित थे. बैठक में डीएम ने सभी ड्रग इंस्पेक्टर निर्देश दिया गया कि पटना जिले के होमियोपैथी तथा आयुर्वेद के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट, डिस्ट्रीब्यूटर, होलसेल/रिटेल दुकानों की सूची तैयार करें और इसकी जांच अतिशीघ्र करें. इसमें यदि उन्हें सशस्त्र बल और दंडाधिकारी की आवश्यकता हो तो उन्हें जिला स्तर से उपलब्ध कराया जायेगा.
जिलाधिकारी ने सभी ड्रग इंस्पेक्टर को एलोपैथ के होलसेल/रिटेल दुकान में जहां सर्जिकल स्प्रिट का रखरखाव और सेल होता है, उसकी भी कड़ी निगरानी करने का निर्देश दिया गया. इसके अतिरिक्त नशा के लिए प्रयुक्त की जाने वाली दवाओं आदि दुकानों से बिक्री पर पूरी मुस्तैदी से नजर रखने और इसके दुरुपयोग पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया. एसएसपी द्वारा भी सभी ड्रग इंस्पेक्टर को सख्ती से कार्रवाई करने की बात कही गयी.
बैठक में निर्णय लिया गया कि रविवार को स्पेशल अभियान चलाकर थानों में जब्त 84,464 लीटर शराब को नष्ट किया जायेगा. सभी एसडीओ यह सुनिश्चत करेंगे और बचे शराब कुल 1,39,914 लीटर शराब को भी नष्ट करने के लिए दो दिनों के अंदर जिला समाहर्ता के न्यायालय में भेजना सुनिश्चित करेंगे. जिले के पुलिस थानों में जब्त वाहन कुल 211 राजसात किया जायेगा.
सारण जहरीली शराबकांड में स्पिरिट या केमिकल में होम्योपैथी दवाएं मिला कर शराब बनाने का खुलासा होने के बाद राज्य सरकार इसको लेकर सतर्क हो गयी है. बिहार पुलिस और उत्पाद विभाग को इ-डिजिटल लॉक से इतर किसी भी माध्यम से स्पिरिट की ढुलाई पर सख्त निगाह रखने का निर्देश दिया गया है. इस कड़ी में स्पिरिट का इस्तेमाल कर दवाओं का निर्माण करने वाली कंपनियों से लेकर इसका स्टॉक रखने वाले दुकानदारों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर मद्यनिषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने औषधि निरीक्षकों के साथ बैठक की है. औषधि निरीक्षकों को अब अपने क्षेत्र में स्पिरिट या उससे तैयार होने वाले दवाओं के स्टॉक के संबंध में जानकारी रखनी होगी. किसी भी तरह की सूचना पर मद्यनिषेध विभाग की टीम उनके साथ मिल कर छापेमारी करेगी.
स्पिरिट या स्पिरिट युक्त दवाओं की ढुलाई करने वाली ट्रांसपोर्ट कंपनियों को अब मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग में सूचीबद्ध होना होगा. विभाग इस संबंध में ट्रांसपोर्ट कंपनियों को नोटिस जारी करने की तैयारी कर रहा है. होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक या एलोपैथिक दवा निर्माता कंपनियों के इस्तेमाल में आने वाली स्पिरिट या स्पिरिटयुक्त दवाओं का परिवहन कई ट्रांसपोर्ट कंपनियां करती हैं. अब ऐसी ट्रांसपोर्ट कंपनियों को मद्यनिषेध विभाग द्वारा वेबसाइट पर उपलब्ध कराये गये लिंक पर रजिस्टर्ड होना होगा. इसके लिए निश्चित समय-सीमा निर्धारित की जायेगी. समय-सीमा के बाद छापेमारी अभियान में अनिबंधित ट्रांसपोर्टरों के पास स्पिरिट या इससे संबंधित उत्पाद बरामद होने पर उसे जब्त किया जा सकेगा.
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सारणकांड की कड़ी में पटना के अनिसाबाद इलाके में एक होम्योपैथी दवा निर्माता के कार्यालय पर छापेमारी की गयी. इस दौरान बड़ी मात्रा में स्टॉक कर रखी गयी सेक्सवर्धक दवाएं बरामद हुईं. आश्चर्य की बात थी कि तमाम दवाएं एक्सपायर्ड हो चुकी थीं. विभाग को शक है कि कहीं इसका इस्तेमाल किसी तरह का केमिकल बनाने में तो नहीं हो रहा ? वहीं, मेथनॉल के सार्वजनिक इस्तेमाल को लेकर भी जानकारी इकट्ठा की जा रही है.