बिहार में शराबबंदी को लेकर बढ़ी सख्ती, नवंबर में हर दिन 4282 छापेमारी, 1529 लोग गिरफ्तार
आयुक्त ने बताया कि सिर्फ मद्यनिषेध विभाग हर दिन औसतन 834 गिरफ्तारी कर रहा है. इनमें सरकारी कर्मी से लेकर डॉक्टर, अधिवक्ता व जनप्रतिनिधि से लेकर विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि पिछले चार महीने की सजा दिलाने की दर भी 92 फीसदी रही है.
बिहार में शराब के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान को लेकर सख्ती लगातार बढ़ रही है. इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि सिर्फ पिछले एक महीने यानी नवंबर माह में हर दिन 4282 छापेमारी की गयी है, जिनमें औसतन 1529 लोग हर दिन गिरफ्तार किये गये. सोमवार को साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मद्यनिषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि नवंबर महीने में पुलिस और मद्यनिषेध विभाग ने मिल कर 1.28 लाख से अधिक छापेमारी की, जिनमें 22226 मामले दर्ज करते हुए 45876 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया.
मद्यनिषेध विभाग ने की 25 हजार गिरफ्तारी
बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि सभी गिरफ्तारियों में से 25 हजार गिरफ्तारी मद्यनिषेध विभाग ने की है. जबकि करीब 21 हजार गिरफ्तारी बिहार पुलिस ने की है. इस अवधि में कुल मिला कर 3.03 लाख बल्क लीटर देशी-विदेशी शराब बरामद हुई. वहीं शराब की होम डिलिवरी करने के आरोप में 952 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. शराब से जुड़े मामलों में 1469 वाहन भी जब्त किये गये.
मद्यनिषेध विभाग कर रहा हर दिन औसतन 834 गिरफ्तारी
आयुक्त ने बताया कि सिर्फ मद्यनिषेध विभाग हर दिन औसतन 834 गिरफ्तारी कर रहा है. इनमें सरकारी कर्मी से लेकर डॉक्टर, अधिवक्ता व जनप्रतिनिधि से लेकर विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि पिछले चार महीने की सजा दिलाने की दर भी 92 फीसदी रही है. नवंबर माह तक करीब 1.44 लाख मामलों का ट्रायल शुरू हो चुका है, जिनमें 83254 ट्रायल पूरे भी हो चुके हैं. एक अप्रैल 2022 के बाद अब तक 3989 वाहनों को जुर्माना लगा कर छोड़ा गया, जिससे विभाग को 23.61 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है.
आकड़ें
-
नवंबर में हर दिन 4282 छापेमारी
-
1529 लोग हुए गिरफ्तार
-
952 व्यक्तियों को होम डिलिवरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया
-
1469 वाहन शराब से जुड़े मामलों में जब्त किये गये
-
92 फीसदी रही है पिछले चार महीने की सजा दिलाने की दर