संवाददाता, पटना राज्य में लाल बालू के अवैध खनन, ढुलाई और भंडारण पर सख्ती बढ़ाने के लिए इन सभी कार्यों की निगरानी जिलों में बने कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, जिला नियंत्रण कक्ष या जिला खनन कार्यालयों से होगी. खान एवं भूतत्व विभाग ने इसके लिए अलग से एक नोडल अधिकारी को जिम्मेदारी देने का सभी जिला खनन पदाधिकारियों को निर्देश दिया है. जिला खनन कार्यालयों से ही सभी 16जिलों के बालू घाटों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से वहां की गतिविधियों पर नजर रखी जायेगी. संबंधित कर्मी इसकी प्रतिदिन की रिपोर्ट अपने प्रभारी पदाधिकारियों को देंगे और यह रिपोर्ट मुख्यालय तक भेजी जायेगी. इसका मकसद अवैध खनन पर लगाम लगाकर आमलोगों को निर्माण कार्यों के लिए पर्याप्त मात्रा में बालू उपलब्ध करवाना और राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी करना है. सूत्रों के अनुसार खान एवं भूतत्व विभाग ने सभी जिलों में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाने का अधिकारियों को निर्देश दिया है. यह सेंटर आधुनिक उपकरणों और तकनीक से लैस होगा. इसके माध्यम से जिले के सभी बालू घाटों पर लगे सीसीटीवी कैमरे को जोड़कर वहां की गतिविधियों पर नजर रखी जायेगी. इसके साथ ही घाटों से बालू लदे वाहनों में लगे जीपीएस के माध्यम से ट्रैकिंग भी की जा सकेगी. किसी भी अवैध खनन या गतिविधि की सूचना मिलने पर इन सेंटरों के माध्यम से जिला प्रशासन के साथ समन्वय किया जा सकेगा. दो घंटा से अधिक समय तक कैमरा बंद होने पर चालान होगा बंद बालू घाटों पर यदि कोई कैमरा दो घंट से अधिक समय तक ऑफ पाया जायेगा तो उस बालू घाट के माध्यम से निकलने वादा चालान बंद कर दिया जायेगा. खान एवं भूतत्व विभाग ने इस संबंध में सभी बंदोबस्तधारियों को सूचना देने का निर्देश सभी जिला खनन पदाधिकारियों को दिया है. यदि किसी कारण से कैमरा बंद हो जाता है तो उसकी जानकारी जिला खनन कार्यालय को देनी होगी. साथ ही बालू घाटों की ऑफलाइन रिकॉर्डिंग कर उसे पेन ड्राइव के माध्यम से जिला खनन कार्यालय में जमा करना होगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है