बिहार के छात्रों को मोबाइल पर मिलेगी किताबें, वीडियो देखकर परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे विद्यार्थी
छात्रों को एप की सुविधा का लाभ लेने के लिए खुद को रजिस्टर करना होगा. एक बार रजिस्टर हो जाने के बाद छात्र सिलेबस से जुड़े सभी चैप्टर को ऑनलाइन पढ़ने के साथ साथ उसका ऑडियो और वीडियो भी देख सकते हैं.
बिहार के छात्र अपनी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी कर सकें, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा ई-लॉटस एप की शुरुआत की गई है. इस एप के माध्यम से कक्षा एक से लेकर 12 वीं तक के छात्र अपने सिलेबस से जुड़ी किताबें एवं अन्य पाठ्य सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अभी तक इस एप से मैट्रिक और इंटर परीक्षा की तैयारी करने वाले 15 लाख से अधिक विद्यार्थी जुड़ चुके हैं.
शिक्षकों को एक्सपर्ट के रूप में जोड़ा गया है
बिहार में प्रति वर्ष लगभग 30 लाख छात्र बोर्ड परीक्षा देते है. ऐसे में ई-लॉटस एप छात्रों के लिए परीक्षा की तैयारी में काफी मददगार साबित हो सकता है. एप पर मैट्रिक-इंटर के परीक्षार्थियों के लिए पाठ्यक्रम से जुड़ी सभी तरह की पुस्तकें उपलब्ध है. इस के साथ ही चैप्टर वाइज़ वीडियो और पूरक सामग्री भी एप पर मौजूद है. छात्रों को किसी तरह की परेशानी न हो इस लिए लगभग पांच सौ शिक्षकों को एक्सपर्ट के रूप में इस एप से जोड़ा गया है. छात्र किसी तरह की दिक्कत होने पर इन शिक्षकों से संपर्क कर सकते हैं.
ऑडियो-वीडियो के माध्यम से कर सकेंगे पढ़ाई
छात्रों को एप की सुविधा का लाभ लेने के लिए खुद को रजिस्टर करना होगा. एक बार रजिस्टर हो जाने के बाद छात्र सिलेबस से जुड़े सभी चैप्टर को ऑनलाइन पढ़ने के साथ साथ उसका ऑडियो और वीडियो भी देख सकते हैं. छात्र ई-लॉटस एप को मोबाईल पर डाउनलोड कर पढ़ाई करने के साथ ही इसे ब्राउजर भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
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शिक्षक भी कर सकेंगे इस्तेमाल
ई-लॉटस के ई-लाइब्रेरी में विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों के लिए कक्षा 1 से 12 तक के पाठ्य-पुस्तकों के पाठों के आधार पर शैक्षणिक विडियो, संदर्भ विडियो, दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध सामाग्री के लिंक के साथ साथ पाठवार अभ्यास के प्रश्नोत्तर को भी शामिल किया गया है. इस एप के उपयोग से विद्यार्थियों को न केवल पठन-पाठन का अवसर प्राप्त होगा बल्कि इसके बाद संबन्धित पाठों के प्रश्नोत्तर का अभ्यास करके खुद का मूल्यांकन भी कर सकेंगे. शिक्षकों द्वारा भी ई-लाइब्रेरी पर उपलब्ध शैक्षिक सामग्री का उपयोग अपनी क्षमता विकास के साथ साथ विद्यालयों में विद्यार्थियों को बेहतर परामर्श के लिए किया जा सकेगा.