समस्तीपुर के सुमन ने अंडर-19 क्रिकेट में एक पारी में 10 विकेट झटक रचा इतिहास

बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले सुमन कुमार ने कूच बिहार ट्रॉफी अंडर-19 में एक कीर्तिमान स्थापित कर दिया है. मोइनुल हक स्टेडियम में खेले जा रहे कूच बिहार ट्रॉफी अंडर-19 मेंस क्रिकेट टूर्नामेंट के मैच में बिहार के सुमन कुमार ने राजस्थान के खिलाफ एक पारी में हैट्रिक समेत दस विकेट चटका कर नया रिकॉर्ड बनाया है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 1, 2024 12:49 AM

पटना. बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले सुमन कुमार ने कूच बिहार ट्रॉफी अंडर-19 में एक कीर्तिमान स्थापित कर दिया है. मोइनुल हक स्टेडियम में खेले जा रहे कूच बिहार ट्रॉफी अंडर-19 मेंस क्रिकेट टूर्नामेंट के मैच में बिहार के सुमन कुमार ने राजस्थान के खिलाफ एक पारी में हैट्रिक समेत दस विकेट चटका कर नया रिकॉर्ड बनाया है. सुमन कुमार ने इस सत्र में अब तक 22 विकेट ले चुके हैं.

रवींद्र जडेजा और अनुकूल राय हैं आदर्श

समस्तीपुर के पीएंडटी कॉलोनी के रहने वाले सुमन के पिता प्रदीप कुमार रेलवे के इंजीनियरिंग सेक्शन में काम करते हैं. उनकी मां माया देवी टीचर हैं. सुमन कुमार ने बताया कि वह 12वीं के छात्र हैं. वर्ष 2017-18 से क्रिकेट खेलना शुरू किया. रवींद्र जडेजा और अनुकूल राय आदर्श हैं. उनके खेलते हुए देखना अच्छा लगता है. उनसे काफी कुछ सीखने को मिला.

बायें हाथ के फिरकी गेंदबाज हैं

सुमन कुमार बायें हाथ के स्पिनर हैं. सुमन के कोच ब्रजेश झा ने बताया कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की विभिन्न प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन के बल चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा़ जाेनल स्तर पर तहलका मचाने वाले सुमन का चयन पिछले वर्ष बिहार की अंडर-19 टीम में हुआ था. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष अंडर-19 वनडे टूर्नामेंट में बिहार की ओर से खेलते हुए पांच मैचाें में 10 विकेट झटके. वहीं, चार दिवसीय चार मैचों में 15 विकेट लिये थे.

लगनशील हैं सुमन

सुमन के कोच ब्रजेश झा ने बताया कि वह काफी लगनशील है. प्रैक्टिस के दौरान वह अनुशासन में रह कर गेंदबाजी करता था. कड़ी मेहनत के बल पर वह आगे बढ़ा है. ट्रेनिंग के दौरान जो भी टास्क देता था वह उसे पूरा करके ही दम लेता था. उम्मीद है कि वह आइपीएल में फिरकी गेंदबाजी करते हुए दिखेगा. उन्होंने बताया कि उसके अंदर काफी प्रतिभा है. उसे और चमकाने की जरूरत है.

काफी संघर्ष से आगे बढ़े

सुमन ने काफी संघर्ष के बाद क्रिकेट में आगे बढ़े हैं. उनके कोच ब्रजेश झा ने बताया कि जब वह मेरी अकादमी में क्रिकेट सीखने आया था, तब वह सामान्य था. कुछ दिनों में ही उसने कड़ी मेहनत के बल अपनी प्रतिभा को दिखाने लगा. उसकी मेहनत रंग लाने लगी और जोनल स्तर की प्रतियोगिताओं में अपने आपको साबित करना शुरू किया. उन्होंने बताया कि पिछले साल वह जाेनल स्तर पर दूसरा सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला गेंदबाज था़

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version