कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश पूर्व घोषित तिथि से एक माह पहले प्रभावी कर दिया गया है. राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान की अनुशंसा पर राजभवन ने एक मई से 30 मई तक गरमी की छुट्टी घोषित कर दी है. इससे पहले विश्वविद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश एक जून से 30 जून तक घोषित किया गया था.
राज्यपाल सचिवालय के संयुक्त सचिव राज कुमार सिन्हा ने इस आशय की अधिसचूना शुक्रवार को जारी की. इसके मुताबिक राजभवन ने ग्रीष्मकालीन अवकाश का यह शेड्यूल कुलपतियों के सामूहिक प्रस्तावों पर मंजूर किया है. ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान जो परीक्षाएं प्रस्तावित हैं, उनका आयोजन एक जून से 15 जून तक अनिवार्य तौर पर करा का निर्देश दिया गया है. उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के कारण 15 मई तक सभी विश्वविद्यालयों में क्लास व परीक्षाएं स्थगित कर दी गयी थीं.
शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी कॉलेजों,स्कूलों और कोचिंग में 15 मई तक केवल एक चौथाई (25%) स्टाफ आने का आदेश जारी किया है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है. अगले आदेश जारी होने तक इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा़.
उल्लेखनीय है कि अभी स्कूलों एवं कॉलेजों की क्लास पूरी तरह बंद हैं. अपर मुख्य सचिव संजय कुमार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में सह प्राध्यापक, प्राध्यापक और उनके समकक्ष स्तर और ऊपर के सभी पदाधिकारी प्रतिदिन उपस्थित रहेंगे. इसके अलावा सहायक प्राध्यापक व उनके समकक्ष पदाधिकारी और उनसे नीचे के सभी पदाधिकारी व कर्मचारी बारी-बारी से प्रतिदिन 25% ही उपस्थित रहेंगे.
मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रतिदिन उपस्थित रहेंगे, जबकि शेष शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी प्रतिदिन 25% ही बारी-बारी से उपस्थित रहेंगे. प्राथमिक विद्यालयों में जहां तीन या उससे कम शिक्षक हैं, बारी बारी से शिक्षक विद्यालय में उपस्थित रहेंगे. जहां तीन से अधिक शिक्षक पदस्थापित है, वहां प्रतिदिन बारी-बारी से केवल एक चौथाई ही शिक्षक उपस्थित रहेंगे.इससे पहले जारी आदेश में स्कूल और कॉलेजों में 33% स्टाफ की उपस्थिति की बात कही गयी थी.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan