सुप्रीम कोर्ट ने शराबबंदी कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बिहार सरकार से तीन हफ्तों में मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के कठोर शराबबंदी कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर राज्य सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. हाईकोर्ट को जानिये क्या आदेश दिया...

By Prabhat Khabar News Desk | February 14, 2022 6:25 PM

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के कठोर मद्यनिषेध कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को राज्य सरकार को तीन हफ्तों के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया. साथ ही इसी तरह की याचिकाओं को पटना हाइकोर्ट से खुद के पास हस्तांतरित करने का आदेश भी दिया.

न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की सदस्यता वाली पीठ ने कहा, ‘‘चूंकि इस कोर्ट के समक्ष समान मुद्दे विचार के लिए लंबित हैं, इसलिए यह उपयुक्त होगा कि हाइकोर्ट में दायर अन्य रिट याचिकाएं यहां हस्तांतरित कर दी जाएं और यहां (शीर्ष न्यायालय में) लंबित विशेष अनुमति याचिका के साथ उनकी सुनवाई की जाये. पीठ इस मुद्दे पर तीन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिनमें एक याचिका इंटरनेशनल स्पिरिट एंड वाइन्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने दायर की है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी याचिकाओं में बिहार मद्य निषेध एवं आबकारी अधिनियम,2016 की वैधता से संबद्ध मुद्दे हैं. पीठ ने राज्य सरकार से तीन हफ्तों के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा और मामलों की सुनवाई अप्रैल के प्रथम सप्ताह के लिए निर्धारित कर दी.

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राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार कर रहे हैं. पीठ ने कहा, ‘‘ये सब अधिनियम की वैधता के बारे में हैं. जवाब पटना हाइकोर्ट में दाखिल किया गया और अब इसे बेहतर नहीं किया जा सकता. आप अपना हलफनामा दाखिल करें. समान बहस, समान हलफनामा और समान सामग्री सभी मामलों में प्रासंगिक होंगे, क्योंकि उन सभी में (अधिनियम की) वैधता को चुनौती दी गयी है.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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