पटना हाईकोर्ट के 7 जजों का GPF खाता बंद, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और बिहार सरकार को भेजा नोटिस

पटना हाईकोर्ट के 7 जजों के GPF खाते बंद किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को नोटिस भेजा है. केंद्र व बिहार सरकार को नोटिस भेजा गया है. अगले सप्ताह शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई सुप्रीम कोर्ट करेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2023 3:52 PM

पटना हाईकोर्ट के 7 जजों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. इन जजों का GPF (जनरल प्रॉविडेंट फंड) खाता बंद हो गया है. जिसके बाद इन जजों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को नोटिस भेजा है. केंद्र व बिहार सरकार दोनों को नोटिस भेजा गया है. अब इस मामले में अगली तारीख भी तय कर दी है. सुप्रीम कोर्ट अगले सप्ताह शुक्रवार को अब इस मामले में आगे की सुनवाई करेगी.

मामला सुनकर चीफ जस्टिस भी पर गए थे आश्चर्य में 

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में जब मामला सीजेआई (Chief Justice) के सामने रखा गया तो वो भी आश्चर्य में पड़ गए. उन्होंने कहा, क्या? जजों का जीपीएफ खाता बंद हो गया? याचिकाकर्ता कौन है? इसे शुक्रवार (24 फरवरी) को लिस्ट किया जाता है. मामले में याचिका जस्टिस शैलेंद्र सिंह, जस्टिस अरुण कुमार झा, जस्टिस जितेंद्र कुमार, जस्टिस आलोक कुमार पांडेय, जस्टिस सुनील दत्ता मिश्रा, जस्टिस चंद्र प्रकाश सिंह और जस्टिस चंद्र शेखर झा ने संयुक्त रुप ये दायर की है. कोर्ट में उनकी पैरवी अधिवक्ता प्रेम प्रकाश कर रहे हैं.

अगले शुक्रवार को होगी सुनवाई 

देश के इतिहास में यह पहली ऐसी घटना होगी, जब किसी हाईकोर्ट के सात जज एक साथ न्याय की गुहार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. सभी जजों ने सुप्रीम कोर्ट में सामान्य भविष्य निधि खातों को बंद करने के लिए केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश को चुनौती दी है. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए नई तिथि तय की है.

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2010 में हुई थी नियुक्ति 

हाईकोर्ट के इन जजों की नियुक्ति सुपीरियर न्यायिक सेवाओं के तहत सीधी भर्ती के रूप में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश के रूप में हुई थी. पिछले वर्ष उन्हें हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रुप में नियुक्त किया गया. बिहार सरकार के द्वारा 2016 वर्ष में बनाये गए कानून के मुताबिक नई पेंशन योजना से पुरानी पेंशन योजना में जाने वाले अपनी एनपीएस योगदान राशि वापस ले सकते हैं. ये पैसा सीधे उनके बैंक खाते में जा सकता है या जीपीएफ के अकाउंट में जमा हो सकता है. न्यायाधीशों ने अपने जीपीएफ अकाउंट में एनपीएस योगदान का पैसा जमा किया था.

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