पटना: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआइ ने उनकी और उनकी पूर्व सेक्रेटरी दिशा सालियान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जांच शुरू की है, ताकि मौत के कारणों की जांच को एक सही दिशा मिल सके. प्राप्त सूचना के अनुसार, दिशा का शव बिना कपड़ों के मिला था. फिर भी उसकी रिपोर्ट में रेप की बात की पूरी तरह से पुष्टि नहीं की गयी थी. इसी तरह से सुशांत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर किसी तरह के गंभीर चोट का उल्लेख नहीं किया गया है, जबकि कई माध्यमों से यह पता चल रहा कि उसके शरीर पर चोट के निशान भी थे. इन तमाम बातों की सीबीआइ की टीम गहनता से जांच करेगी और जिस स्तर पर जो भी गड़बड़ी हुई है, उसे उजागर करेगी. मुंबई पुलिस ने दोनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट यहां से जांच करने गयी बिहार पुलिस की टीम को नहीं दी थी. अब सीबीआई ने इस रिपोर्ट से जुड़े तमाम पहलुओं को लेकर गहन समीक्षा शुरू कर दी है.
सुशांत के मामले में सीबीआइ की जांच अभी धीरे-धीरे ही आगे बढ़ रही है. इसकी मुख्य वजह यह है कि वर्तमान में इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है और सुप्रीम कोर्ट ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि इस मामले की सुनवाई कौन करेगा. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच करने से सीबीआइ को मना भी नहीं किया है. इससे सीबीआइ के पास मामला ट्रांसफर होने के बाद उसने सामान्य तरीके से छानबीन की औपचारिकता शुरू कर दी है. सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की जांच का अधिकारी अंतिम रूप से मिलने के बाद सीबीआइ के स्तर से इसमें काफी तेजी आने की संभावना है.
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सुशांत केस में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सीबीआइ ने लिखित जवाब दाखिल किया. इसमें उसने कहा है कि 56 गवाहों के बयान दर्ज करने की मुंबई पुलिस की कार्रवाई किसी कानून के आधार पर नहीं की गयी है. मुंबई में इससे संबंधित कोई केस या एफआइआर लंबित नहीं होने के कारण वहां इसे ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं बनता है. सुप्रीम कोर्ट को सीबीआइ और इडी को यह जांच जारी रखने देने की अनुमति देनी चाहिए.
इसके अलावा बिहार पुलिस, आरोपित रिया चक्रवर्ती और सुशांत के पिता की तरफ से भी सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिला किया गया है. रिया की तरफ से दाखिल जवाब में भी उसने सीबीआइ जांच पर आपत्ति नहीं दर्ज करायी है, लेकिन वह चाहती है कि इस केस का अधिकार क्षेत्र बिहार से बाहर या किसी क्षेत्र में नहीं रखा जाये. सीबीआइ को स्वतंत्र रूप से इसकी जांच का आदेश दिया जाये. बिहार की एफआइआर को आधार नहीं बनाया जाये.
सुशांत के पिता ने मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए मामला सीबीआइ को सौंपने की पैरवी की है. कहा है कि पटना पुलिस के एफआइआर दर्ज करने के बाद 10 लोगों से पूछताछ कर चुकी है, जबकि मुंबई पुलिस ने अब तक एफआइआर तक दर्ज नहीं की है. उन्होंने फिर कहा कि मुंबई पुलिस की जांच पर उन्हें एकदम भरोसा नहीं है. पटना में दर्ज एफ़आइआर को ही आधार बनाया जाये.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya