पटना: सुशांत की 12 डायरियां गायब होने की बात सामने आने के बाद रिया ने सुशांत की एक डायरी मीडिया के सामने रखी है. इंगलिश में लिखी गयी डायरी में रिया चक्रवर्ती, मां संध्या चक्रवती, भाई शोविक चक्रवर्ती, पिता इंद्रजीत चक्रवर्ती के फेवर में शब्द हैं. रिया ने यह साबित करने का प्रयास किया है कि सुशांत उससे और उसके परिवार से काफी खुश था. उसमें यह भी लिखा है कि मैं अपनी जिंदगी के लिए बहुत आभारी हूं. मैं अपनी जिंदगी में लिल्लू (शोविक), बेबू (रिया चक्रवर्ती) के होने से बहुत आभारी हूं. जिंदगी में सर और मैम (रिया के मम्मी-पापा) के होने से मैं आभारी हूं. फज (सुशांत का पालतू कुत्ता) के होने से आभारी हूं. और मेरी जिंदगी में जितना मुझे प्यार मिला, इसके लिए मैं हमेशा आभारी रहूंगा. लेकिन सच्चाई इसमें कितनी है, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा.
डायरी सुशांत ने ही लिखी थी, इसे साबित करने के लिए हैंड राइटिंग एक्सपर्ट से जांच करानी जरूरी है. हालांकि डायरी का एक पेज ही सामने आया है, जबकि सुशांत ने 12 डायरियां लिखी थीं. हो सकता है कि यह शुरुआती दौर में लिखा गया हो. लेकिन बाद में जब सुशांत रिया से परेशान रहने लग गये थे, तो उन्होंने अपनी डायरी में क्या मेंशन किया है, जब तक यह सामने नहीं आता है, तब तक रिया द्वारा पेश की गयी डायरी पर पुलिस को भरोसा करना मुश्किल होगा.
रिया चक्रवर्ती के खिलाफ सुशांत पर काला जादू करने का आरोप ऐसे ही नहीं लगे हैं. दरअसल रिया चक्रवर्ती सुशांत के फ्लैट में तांत्रिक को बुलाती थी. पूजा-पाठ के नाम पर सुशांत के एकाउंट से काफी पैसे भी खर्च हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक महीने में दो से तीन बार आता था तांत्रिक. धीरे-धीरे रिया चक्रवर्ती ने सुशांत पर अपना प्रभाव इस तरह से बना लिया था कि वह जो चाह रही थी, वह कर रही थी. सुशांत की जब मौत हुई, तब उसके फ्लैट में जितने लोग काम कर रहे थे, उनमें से ज्यादा लोग रिया चक्रवर्ती के फेवर के थे. क्योंकि रिया ने ही उन्हें नौकरी दिलवायी थी. इसलिए यह आशंका जाहिर की गयी है कि आठ जून को जब वह सुशांत का फ्लैट छोड़कर गयी थी, तो कई जरूरी सामान भी ले गयी थी.
सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में बिहार सरकार ने रिया चक्रवर्ती, उसके परिवार, मुंबई पुलिस की करतूतों के बारे में जानकारी दी है. हलफनामे में कहा गया है कि संज्ञेय अपराध होने पर पुलिस का काम होता है, केस दर्ज करना. पटना में दर्ज एफआइआर सुशांत मामले में पहली एफआइआर है. मुंबई पुलिस ने एफआइआर दर्ज नहीं की है बल्कि यूडी केस दर्ज किया गया है. हलफनामे में एक गजट को भी आधार बनाया गया है, जिसके तहत पटना में दर्ज केस को सही ठहराया गया है.
Posted By : Thakur Shaktilochan Shandilya