Sushant Singh Rajput Death Case ED summons Riya Chakraborty नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उनके पिता द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत से उत्पन्न धनशोधन मामले के सिलसिले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को सात अगस्त को पूछताछ के लिए सम्मन किया है. यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी. अधिकारियों ने बताया कि रिया चक्रवर्ती से पूछताछ की जाएगी और उनके बयान को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया जाएगा.
यह पूछताछ उस धनशोधन मामले से जुड़ी है, जो पिछले हफ्ते ईडी ने बिहार पुलिस की प्राथमिकी के आधार पर दर्ज किया था, जिसमें सुशांत सिंह राजपूत के पिता ने रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार पर बॉलीवुड अभिनेता को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था. 34 वर्षीय सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को मुंबई के बांद्रा इलाके में अपने अपार्टमेंट में फंदे से लटके पाए गये थे.
उच्चतम न्यायालय ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को प्रतिभाशाली कलाकार बताते हुये बुधवार को कहा कि उनकी मृत्यु के कारणों की सच्चाई सामने आनी ही चाहिए. इस बीच, केंद्र ने न्यायालय को सूचित किया कि उसने इस मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंपने की बिहार सरकार की सिफारिश स्वीकार कर ली है. शीर्ष अदालत ने सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह और बिहार तथा महाराष्ट्र सरकार को अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की याचिका पर तीन दिन के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के मामले की जांच के सिलसिले में मुंबई पुलिस ने अभी तक बॉलीवुड के फिल्म निर्माता आदित्य चोपड़ा, महेश भट्ट और संजय लीला भंसाली सहित 56 व्यक्तियों के बयान दर्ज किये हैं. अब उसे अपनी जांच की प्रगति से न्यायालय को अवगत कराना है. पटना के राजीव नगर थाने में 25 जुलाई को दर्ज प्राथमिकी में रिया पर आरोप लगाया गया है कि उसने ही सुशांत को आत्महत्या के लिये मजबूर किया. रिया ने इस मामले में पटना में दर्ज प्राथमिकी मुंबई स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है.
न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की एकल पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से रिया की याचिका पर सुनवाई की. न्यायमूर्ति रॉय ने अपने आदेश में कहा, ‘‘एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुयी जिसमे एक प्रतिभाशाली कलाकार का निधन ऐसी परिस्थितियों में हो गया जो अस्वाभाविक हैं. अब उन परिस्थितियों की जांच की आवश्यकता है जिनमे यह मौत हुयी.” न्यायमूर्ति राय ने आदेश में कहा , ‘‘सारे तथ्यों पर विचार के बाद इस मामले में अपना अपना दृष्टिकोण रिकार्ड पर लाने के लिये सभी पक्षों को तीन दिन का समय दिया जा रहा है.
महाराष्ट्र सरकार को मुंबई पुलिस की जांच की स्थिति के बारे में अगली तारीख पर जानकारी देनी होगी। मामला अगले सप्ताह के लिये सूचीबद्ध किया जाता है.” न्यायालय ने मुंबई में प्राधिकारियों द्वारा बिहार के आईपीएस अधिकारी को पृथक-वास में भेजने की घटना का भी संज्ञान लिया और कहा, ‘‘एक पुलिस अधिकारी (बिहार के) को पृथक-वास में भेजने का अच्छा संदेश नहीं गया है.” पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘मुंबई पुलिस की अच्छी पेशेवर छवि है. कृपया सुनिश्चित कीजिये की सब कुछ कानून के अनुसार ही किया जाये.”
Upload By Samir Kumar