Sushant Singh Rajput Case : सुशांत मामले में सीबीआई जांच की मांग वाली जनहित याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित

Sushant Singh Rajput Death Case मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की सीबीआई से जांच के अनुरोध वाली दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी है. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एएस गडकरी की पीठ ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार के यह कहने के बाद सुनवाई स्थगित कर दी कि उसे दोनों जनहित याचिकाओं की प्रतियां नहीं दी गयी हैं. पीठ दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिनमें से एक नागपुर निवासी समीर ठक्कर ने दायर की है जबकि दूसरी याचिका कलकत्ता उच्च न्यायालय में वकालत करने वाली वकील प्रियंका टिबरवाल ने दायर की है.

By Agency | August 5, 2020 5:06 PM

Sushant Singh Rajput Death Case मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की सीबीआई से जांच के अनुरोध वाली दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी है. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एएस गडकरी की पीठ ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार के यह कहने के बाद सुनवाई स्थगित कर दी कि उसे दोनों जनहित याचिकाओं की प्रतियां नहीं दी गयी हैं. पीठ दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिनमें से एक नागपुर निवासी समीर ठक्कर ने दायर की है जबकि दूसरी याचिका कलकत्ता उच्च न्यायालय में वकालत करने वाली वकील प्रियंका टिबरवाल ने दायर की है.

ठक्कर की याचिका वकील रासपाल सिंह रेणू के माध्यम से दायर की गयी है. इसमें अदालत से अनुरोध किया गया है कि विशेष जांच दल का गठन करने के आदेश जारी किये जाएं या राजपूत की मौत की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को या मुंबई शहर के बाहर की किसी अन्य जांच एजेंसी को सौंप दी जाए. ठक्कर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि वर्तमान में मामले की जांच कर रही बांद्रा पुलिस “जानबूझकर” देर कर रही है और फिल्म उद्योग और राजनीति के कुछ प्रभावशाली लोगों के इशारे पर “सबूत मिटा रही है.”

टिबरवाल ने अपनी याचिका में अनुरोध किया कि मामले की जांच के लिए सीबीआई की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया जाए. याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि उच्च न्यायालय इस तरह की सीबीआई जांच की निगरानी करे. टिबरवाल की याचिका में कहा गया है कि एक बहुत ही सफल व्यक्ति की अचानक मौत से फिल्म उद्योग में प्रचलित भाई-भतीजावाद की जटिलताओं को लेकर लोगों के मन में सवाल पैदा हुआ है.

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